BJP की ‘मास्टर क्लास’ पर टीएस सिंहदेव का तंज, बोले – चुने हुए प्रतिनिधियों को ट्रेनिंग की जरूरत, तो जनता खुद समझ ले हालात

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मैनपाट में भारतीय जनता पार्टी द्वारा आयोजित होने जा रही तीन दिवसीय ‘मास्टर क्लास’ (प्रशिक्षण शिविर) को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने तीखा हमला बोला है। उन्होंने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह बेहद चिंताजनक है कि मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद और केंद्रीय मंत्री जैसे चुने हुए प्रतिनिधियों को अब ट्रेनिंग की जरूरत पड़ रही है।
टीएस सिंहदेव ने कहा, “यह शिविर उन लोगों के लिए है, जिन्हें जनता ने चुनकर जिम्मेदार पदों पर बिठाया है। अगर आज उन्हें प्रशिक्षण की जरूरत है, तो यह छत्तीसगढ़ के हालात को लेकर गंभीर चिंता का विषय है। जनता खुद समझ सकती है कि प्रदेश किसके हाथों में है।”
संघ के बढ़ते हस्तक्षेप पर भी उठाए सवाल
पूर्व उपमुख्यमंत्री सिंहदेव ने भारतीय जनता पार्टी के भीतर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के बढ़ते दखल को लेकर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “भाजपा में संघ का हस्तक्षेप दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, और यही आगे चलकर पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित होगा। संगठन और सरकार की सीमाएं तय होनी चाहिए, लेकिन आज यह अंतर पूरी तरह खत्म होता दिख रहा है।”
भाजपा विधायक मूणत को भी दिया करारा जवाब
कांग्रेस को परिवारवादी राजनीति की जननी कहने वाले रायपुर पश्चिम से भाजपा विधायक राजेश मूणत के बयान पर भी टीएस सिंहदेव ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, “अगर भाजपा परिवारवाद की बात करती है, तो पहले अपने घरों को भी देख ले। लोकतंत्र में वही व्यक्ति चुनकर आता है जो जनता के बीच स्वीकार्य और काबिल होता है।”
टीएस सिंहदेव ने इशारों में यह भी कहा कि राजनीति में वंशवाद का आरोप लगाने से पहले भाजपा को आत्ममंथन करना चाहिए, क्योंकि उनके संगठन में भी कई ऐसे चेहरे हैं जो राजनीतिक विरासत से आए हैं।
क्या है ‘मास्टर क्लास’?
बता दें कि भाजपा द्वारा मैनपाट में 21 जून से तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है, जिसे पार्टी की ‘मास्टर क्लास’ नाम दिया गया है। इसमें प्रदेश के सभी भाजपा विधायक, सांसद और केंद्र सरकार में मंत्री शामिल होंगे। इस दौरान पार्टी की नीतियों, संगठनात्मक मूल्यों, सरकार के कामकाज और संवाद कौशल पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
भाजपा इसे संगठन को मजबूत करने की दिशा में जरूरी कदम बता रही है, जबकि कांग्रेस इसे चुने हुए जनप्रतिनिधियों की काबिलियत पर सवाल बता रही है।
राजनीतिक बयानबाज़ी के बीच बढ़ी सियासी गर्मी
इस प्रशिक्षण शिविर को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच बयानबाज़ी तेज हो गई है। जहां भाजपा इसे नए युग की राजनीतिक जागरूकता बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे जनता के साथ विश्वासघात और अयोग्यता का प्रमाण बता रही है।
फिलहाल, मैनपाट में शुरू हो रहे इस प्रशिक्षण शिविर पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि इसमें क्या खास रणनीति तैयार की जाती है और आने वाले समय में इसका क्या सियासी असर दिखता है।