निजीकरण के खिलाफ पूर्व डिप्टी सीएम टी.एस. सिंहदेव ने उठाई आवाज, सरकारी एजेंसियों पर लगाए पक्षपात के आरोप

रायपुर: छत्तीसगढ़ में निजीकरण और कॉर्पोरेट प्रभाव को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से अपनी बात रखी और राज्य में बढ़ते कॉर्पोरेट प्रभाव पर सवाल उठाए

कॉर्पोरेट आगमन के बाद बढ़ीं कार्रवाईयाँ: सिंहदेव

सिंहदेव ने लिखा: “जब से छत्तीसगढ़ में एक कॉर्पोरेट विशेष का प्रवेश हुआ है और कांग्रेस ने उसकी जनविरोधी नीतियों का विरोध किया है, तब से हमारे नेताओं पर सरकारी संस्थाओं की कार्रवाई शुरू हो गई है।” उन्होंने इसे लोकतांत्रिक विरोध की आवाज को दबाने की कोशिश करार दिया।

आदिवासियों की ज़मीन, जंगल और जल पर खतरा

सिंहदेव ने विशेष रूप से सरगुजा, बस्तर और रायगढ़ जैसे क्षेत्रों का जिक्र करते हुए कहा कि जहां-जहां इस कॉर्पोरेट समूह का दखल बढ़ा है, वहां की जनजातीय आबादी के पारंपरिक अधिकारों को चोट पहुंची है। “कोयला हो या सीमेंट — हर जगह एकाधिकार की कोशिश हो रही है।”

“हमें कॉर्पोरेट से नहीं, पर एकाधिकार और भ्रष्टाचार से विरोध है”

टी.एस. सिंहदेव ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस का विरोध निजी कंपनियों के खिलाफ नहीं है, बल्कि उस व्यवस्था के खिलाफ है जो केवल एक कॉर्पोरेट को लाभ पहुंचाने के लिए काम कर रही है“सरकारी एजेंसियों का एक कंपनी के लिए सेवा भाव में उतर आना चिंताजनक है।”

“कांग्रेस पूरी ताकत से लड़ेगी इस अन्याय के खिलाफ”

अपने पोस्ट के अंत में सिंहदेव ने भाजपा सरकार को चेतावनी देते हुए लिखा: “प्रदेश की प्राकृतिक संपदा और जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए कांग्रेस पूरी ताकत से खड़ी है। वो जितना भी ज़ोर लगा लें, हम झुकेंगे नहीं।”

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