मां बमलेश्वरी ट्रस्ट समिति के चुनाव पर आदिवासी समाज ने जताई आपत्ति, 20 जुलाई को डोंगरगढ़ में होगा विरोध प्रदर्शन

डोंगरगढ़ : मां बमलेश्वरी ट्रस्ट समिति के आगामी 20 जुलाई को होने वाले चुनाव को लेकर छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने कड़ी आपत्ति जताई है। समाज ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए डोंगरगढ़ में विरोध सभा और प्रदर्शन आयोजित करने का निर्णय लिया है। समाज के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा जारी पत्र में सभी जिला अध्यक्षों, महिला मोर्चा और युवा प्रभारियों को अधिकतम संख्या में डोंगरगढ़ पहुंचकर विरोध में भाग लेने का निर्देश दिया गया है।

चुनाव प्रक्रिया को बताया नियमों के विरुद्ध

सर्व आदिवासी समाज का कहना है कि ट्रस्ट चुनाव को लेकर पहले से कई आपत्तियां दर्ज की जा चुकी हैं, जिन पर प्रशासनिक निर्णय अभी लंबित है। समाज का आरोप है कि इन कानूनी अड़चनों के समाधान के बिना चुनाव कराना संविधान और नियमों की अवहेलना है।

मंदिर पर विशेष समुदाय के कब्जे का आरोप

आदिवासी समाज का तर्क है कि मां बमलेश्वरी न केवल गोंड जनजाति बल्कि देश भर के विभिन्न समुदायों की आराध्य देवी हैं। उनका कहना है कि किसी एक विशेष समुदाय द्वारा इस धार्मिक स्थल पर नियंत्रण स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है, जो संविधान के समानता के सिद्धांत और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है।

2 जुलाई को दी गई थी आपत्ति

समाज ने दावा किया कि ट्रस्ट चुनाव प्रक्रिया के खिलाफ 2 जुलाई को आपत्ति दर्ज कराई गई थी। बावजूद इसके, ट्रस्ट समिति द्वारा चुनाव प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है, जिसे आदिवासी समाज ने न्याय और कानून व्यवस्था की अनदेखी बताया है।

20 जुलाई को विरोध प्रदर्शन की तैयारी

सर्व आदिवासी समाज ने 20 जुलाई को डोंगरगढ़ के बमलेश्वरी मैदान में विशेष विरोध सभा और प्रदर्शन आयोजित करने की घोषणा की है। इस प्रदर्शन के माध्यम से वे ट्रस्ट संचालन में पारदर्शिता और संविधानिक प्रक्रिया की मांग करेंगे। समाज ने डोंगरगढ़ के नागरिकों से भी आंदोलन में समर्थन देने की अपील की है, यह कहते हुए कि यह लड़ाई केवल एक समुदाय की नहीं, बल्कि संविधान और न्याय की रक्षा की है।

राजनीतिक हलचल भी तेज

इस मामले ने डोंगरगढ़ की राजनीतिक फिजा में भी हलचल पैदा कर दी है। जिस दिन ट्रस्ट समिति का चुनाव होना है, उसी दिन विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जाने से मतदान प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। विभिन्न जनजातीय संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।

ट्रस्ट अध्यक्ष मनोज अग्रवाल का पक्ष

मां बमलेश्वरी ट्रस्ट समिति के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने इस पूरे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मंदिर या ट्रस्ट किसी एक ट्रस्टी का विशेष अधिकार नहीं है। यह सभी सनातन हिंदुओं की आस्था का केंद्र है और इसमें किसी जाति विशेष का अधिकार नहीं हो सकता। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब तक न्यायालय से किसी भी प्रकार का स्टे ऑर्डर या नोटिस नहीं मिला है जिससे चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगे।

Youthwings