Tomar Brothers Case: सूदखोरी, धमकी और ब्लैकमेलिंग के आरोप में रोहित सिंह तोमर और उसके भतीजे समेत 4 पर FIR दर्ज, 15 लाख के बदले वसूले 50 लाख और हथियाई जमीन

Tomar Brothers Case

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Tomar Brothers Case: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कुख्यात हिस्ट्रीशीटर रोहित सिंह तोमर और उसके भतीजे दिव्यांश सहित चार लोगों के खिलाफ एक बार फिर वसूली और धमकी का संगीन मामला सामने आया है। पीड़ित गजानंद की शिकायत पर पुलिस ने रोहित, दिव्यांश, आकाश मिश्रा और योगेश सिन्हा के खिलाफ ब्लैकमेलिंग, अवैध वसूली और धमकी देने जैसे आरोपों में केस दर्ज किया है।

15 लाख का कर्ज बना 50 लाख की वसूली और जमीन पर कब्जा

शिकायतकर्ता गजानंद ने बताया कि उसने जून और जुलाई 2022 में रोहित तोमर से 15 लाख रुपये का कर्ज लिया था। शुरुआत में 10 प्रतिशत ब्याज पर रकम दी गई, लेकिन समय के साथ ब्याज दर बढ़ा दी गई। जब गजानंद ने इसका विरोध किया तो रोहित और उसके साथी उसे डराने-धमकाने लगे। वे उसके घर पहुंचकर धमकियां देते और मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे।

आरोपियों ने फरवरी 2024 तक जबरन 50 लाख 91 हजार रुपये वसूल लिए। इसके अलावा पीड़ित की 10 हजार वर्गफीट जमीन भी कब्जे में ले ली, जिसके दस्तावेज आज तक वापस नहीं किए गए। आरोप है कि आरोपियों ने कोरे स्टाम्प पेपर और अन्य कानूनी दस्तावेज भी अपने पास रख लिए हैं।

पुरानीबस्ती थाने में मामला दर्ज, दिव्यांश पहले से जेल में

गजानंद की शिकायत के बाद पुरानीबस्ती थाने में चारों आरोपियों के खिलाफ IPC की गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है। दिव्यांश वर्तमान में जेल में बंद है, जबकि रोहित और अन्य आरोपी फरार हैं।

प्रॉपर्टी डीलर की हत्या की कोशिश भी कर चुके हैं आरोपी

2 जून को रोहित सिंह तोमर और उसके साथियों ने तेलीबांधा इलाके के एक होटल में एक प्रॉपर्टी डीलर को पीट-पीटकर जान से मारने की कोशिश की थी। इस घटना में भी रोहित और उसके साथियों पर मामला दर्ज हुआ था। इसी केस की जांच के दौरान जब पुलिस भाठागांव स्थित रोहित के घर पहुंची, तो वह फरार हो चुका था। सर्च के दौरान पुलिस को घर से बड़ी मात्रा में सोने के जेवर, कोरे स्टांप पेपर, अवैध हथियार और संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए थे।

दर्जनों मामलों में नाम, सालों से सक्रिय अपराधी

रोहित सिंह तोमर और उसके भाई वीरेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ रायपुर के अलग-अलग थानों में साल 2017 से लेकर अब तक 12 से ज्यादा केस दर्ज हैं। इनमें हत्या की कोशिश, धोखाधड़ी, ब्लैकमेलिंग, गुंडागर्दी, आर्म्स एक्ट और कर्जा एक्ट जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं।

सूत्रों के मुताबिक, कभी अंडे का ठेला लगाने वाले वीरेंद्र सिंह ने अपराध की दुनिया में कदम रखते हुए सूदखोरी, अवैध वसूली और धमकियों के दम पर करोड़ों की संपत्ति खड़ी कर ली। महंगी गाड़ियां और लग्ज़री जीवनशैली के साथ वह लंबे समय तक प्रशासन की नजरों से बचता रहा, लेकिन अब कानून का शिकंजा धीरे-धीरे कसता नजर आ रहा है।

फिलहाल पुलिस फरार आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है और जल्द गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है।

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