Sawan 2025: कब से शुरू होगा सावन? इस बार होंगे कितने सोमवार? जानिए

श्रावण मास की शुरुआत होते ही पूरा वातावरण शिवमय हो उठता है। भक्तों के मन में शिवभक्ति की लहर उमड़ने लगती है और मंदिरों में “हर हर महादेव” की गूंज सुनाई देने लगती है। हर साल की तरह इस बार भी सावन अपने साथ शिव कृपा की वर्षा लेकर आ रहा है। उत्तर भारत में श्रावण मास इस वर्ष 11 जुलाई 2025 (शुक्रवार) से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 (शनिवार) तक रहेगा। यानी पूरे 30 दिन तक भोलेनाथ की आराधना का विशेष समय रहने वाला है।

श्रावण मास का धार्मिक महत्व

श्रावण मास को हिंदू धर्म में सबसे पवित्र महीनों में से एक माना गया है। मान्यता है कि इसी माह में समुद्र मंथन हुआ था, और जब उसमें से निकले कालकूट विष से सृष्टि संकट में आ गई, तो भगवान शिव ने उसे अपने कंठ में धारण कर लिया। विष धारण करने के कारण उनका नाम ‘नीलकंठ’ पड़ा और तभी से श्रावण महीना शिवभक्ति को समर्पित हो गया।

श्रावण सोमवार का विशेष महत्व

श्रावण के सोमवार का व्रत और शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह व्रत विशेष रूप से अविवाहित कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए करती हैं, वहीं विवाहित महिलाएं अपने परिवार की सुख-शांति के लिए शिव की आराधना करती हैं। पुरुष भी इस व्रत को रखकर शिव कृपा पाने का प्रयास करते हैं।

श्रावण सोमवार 2025 की तिथियां

इस बार सावन में कुल चार सोमवार पड़ रहे हैं, जो कि इस प्रकार हैं:

  • 14 जुलाई 2025
  • 21 जुलाई 2025
  • 28 जुलाई 2025
  • 4 अगस्त 2025

इन चारों सोमवार को व्रत, पूजा और रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति को विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है।

श्रावण मास में क्या करें?

  • रोज़ सुबह स्नान करके भगवान शिव को जल, दूध या दही से अभिषेक करें।
  • शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, आक, शमी पत्र, चावल, और शुद्ध जल अर्पित करें।
  • “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जप करें।
  • सोमवार के दिन व्रत रखें और दिनभर शिव भक्ति में लीन रहें।
  • शिवपुराण का पाठ करें या शिव कथा सुनें।

क्या न करें?

  • श्रावण मास में मांस, शराब, प्याज और लहसुन का सेवन न करें।
  • क्रोध, झूठ और आलस्य से बचें।
  • भगवान शिव को कभी भी केतकी फूल न चढ़ाएं।

श्रावण का माह—श्रद्धा, संयम और साधना का समय

श्रावण का महीना केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, यह आत्मशुद्धि, तप और आत्मचिंतन का भी समय है। इस माह में की गई भक्ति से व्यक्ति के पाप कटते हैं और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

इस सावन, शिव नाम का स्मरण करें, आस्था से व्रत रखें और अपनी आत्मा को शिव तत्व में लीन करें। नीलकंठ की कृपा से जीवन में हर संकट दूर हो सकता है। हर हर महादेव!

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