मानसून सत्र में बवाल: राजस्व भर्ती, खाद संकट और विश्वविद्यालय भर्ती पर गरमाया माहौल, कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल के साथ शुरू हुई, लेकिन शुरुआत से ही माहौल गरमा गया। राजस्व निरीक्षक भर्ती में गड़बड़ी, राज्य में खाद-बीज संकट और महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय की भर्ती प्रक्रिया को लेकर विपक्ष ने सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया।

राजस्व भर्ती घोटाले पर तीखा सवाल-जवाब:

प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक राजेश मूणत ने राजस्व निरीक्षक भर्ती परीक्षा में हुई अनियमितताओं का मुद्दा उठाया। उन्होंने सवाल किया कि कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद भी दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? क्या राजस्व विभाग दोषियों को बचाने की कोशिश कर रहा है?

इस पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने जवाब देते हुए कहा कि मामले की जांच आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) को सौंपी गई है और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। लेकिन जब विपक्ष के अजय चंद्राकर और भूपेश बघेल ने पूछा कि EOW जांच का निर्णय किसने लिया, तो मंत्री जवाब नहीं दे पाए। इस पर विपक्ष ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए CBI जांच की मांग की। बात इतनी बढ़ गई कि विपक्षी विधायकों ने नारेबाजी करते हुए वॉकआउट कर दिया।

खाद-बीज संकट पर विपक्ष का हंगामा, गर्भगृह में प्रदर्शन:

शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने राज्य में खाद-बीज की भारी किल्लत का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि किसान दुखी और आक्रोशित हैं, लेकिन सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। इस पर स्थगन प्रस्ताव लाकर चर्चा कराने की मांग की गई।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विधायक उमेश पटेल ने भी कहा कि खाद के दोगुने दाम किसान बाज़ार से चुकाने को मजबूर हैं। हालांकि, कृषि मंत्री रामविचार नेताम के वक्तव्य के बाद अध्यक्ष ने स्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया, जिससे नाराज़ विपक्षी विधायक गर्भगृह तक पहुंच गए और जोरदार नारेबाजी करते हुए सरकार को किसान विरोधी बताया। इस उग्र प्रदर्शन के चलते कुछ विपक्षी विधायकों को निलंबित कर दिया गया।

महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय भर्ती में अनियमितता का आरोप:

प्रश्नकाल में भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय, बस्तर की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा कि कितने पद स्वीकृत हुए, क्या आरक्षण रोस्टर का पालन हुआ, और क्या किसी भर्ती में शिकायत दर्ज की गई?

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जवाब देते हुए बताया कि 5 अक्टूबर 2023 को 59 शैक्षणिक पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया था, जिनमें प्राध्यापक – 10, सह प्राध्यापक – 19 और सहायक प्राध्यापक – 30 पद शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि अब तक 10 में से 8 विभागों में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और कुछ शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनकी जांच चल रही है।

लेकिन विधायक अजय चंद्राकर ने आरोप लगाया कि 40 वर्ष की अधिकतम उम्र सीमा होते हुए भी 46, 44 और 48 वर्ष के अभ्यर्थियों को भर्ती किया गया है। उन्होंने भर्ती में मनमानी का आरोप लगाते हुए पूर्ण जांच की मांग की। मुख्यमंत्री साय ने आश्वासन दिया कि जांच कमेटी गठित कर दी गई है और रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित :

छत्तीसगढ़ विधानसभा में खाद और बीज की किल्लत को लेकर लाया गया कांग्रेस का स्थगन प्रस्ताव जब आसंदी द्वारा अस्वीकार कर दिया गया, तो कांग्रेस विधायकों ने कड़ा विरोध जताया। विपक्षी विधायक सदन से बाहर आकर विधानसभा परिसर स्थित गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर बैठ गए। उन्होंने राज्य सरकार पर किसानों के मुद्दों से भागने का आरोप लगाते हुए “किसान विरोधी सरकार” के नारे लगाए। कांग्रेस विधायकों का कहना था कि राज्य के किसान खाद की कमी से जूझ रहे हैं, लेकिन सरकार इस गंभीर मुद्दे पर चर्चा कराने से बच रही है। प्रदर्शन के बीच सदन की कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

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