“संसाधन नहीं, तो काम नहीं” के नारे के साथ राजस्व अधिकारियों की हड़ताल शुरू, जन सेवाएं ठप

बालोद,: जिले के तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने सोमवार से “संसाधन नहीं, तो काम नहीं” के नारे के साथ अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत कर दी है। 17 सूत्रीय मांगों को लेकर राजस्व अधिकारियों ने चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान किया है। इस आंदोलन की पहली कड़ी के रूप में सोमवार को जिला मुख्यालय स्थित नए बस स्टैंड परिसर में विरोध प्रदर्शन किया गया।

आमजन पर सीधा असर:

इस हड़ताल का सीधा असर आम जनता पर पड़ा है। राजस्व विभाग से जुड़े कार्य जैसे जाति, निवास, आय प्रमाण पत्र, सीमांकन, नामांतरण आदि सेवाएं पूरी तरह ठप हो गई हैं। इससे छात्रों के स्कूल-कॉलेज में प्रवेश, सरकारी योजनाओं के लाभ और भूमि से जुड़े कई महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

ये हैं प्रमुख मांगे:

तहसील कार्यालयों में कंप्यूटर ऑपरेटर, राजस्व निरीक्षक, भृत्य, वाहन चालक व पटवारियों की तत्काल नियुक्ति।

सभी पदों की पूर्ति तक लोक सेवा गारंटी समयसीमा से अस्थायी राहत।

तहसीीलदारों को शीघ्र डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति और 50:50 अनुपात में सीधी भर्ती।

नायब तहसीलदार को राजपत्रित अधिकारी घोषित करने की घोषणा को लागू किया जाए।

लंबित ग्रेड पे संशोधन को तत्काल प्रभाव से पूरा किया जाए।

तहसीलों को सरकारी वाहन या वैकल्पिक रूप से वाहन भत्ता प्रदान किया जाए।

बिना कानूनी प्रक्रिया के निलंबित अधिकारियों को 15 दिन के भीतर बहाल किया जाए।

न्यायालयीन मामलों में FIR दर्ज न की जाए और न्यायाधीश संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई सुनिश्चित हो।

शासन से की अपील:

राजस्व अधिकारी संघ ने शासन से जल्द समाधान निकालने की अपील करते हुए चेतावनी दी है कि यदि समय रहते मांगें पूरी नहीं की गईं, तो आंदोलन और भी उग्र रूप ले सकता है। इससे तहसील स्तर पर प्रशासनिक कामकाज पूरी तरह ठप होने की आशंका है।

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