Rare Surgery in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में पहली बार गले की नस की दुर्लभ सर्जरी, 70 वर्षीय बुजुर्ग को मिली नई जिंदगी

रायपुर। Rare Surgery in Chhattisgarh: पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर से संबद्ध डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय में चिकित्सा इतिहास रच दिया गया है। अस्पताल के हार्ट, चेस्ट और वैस्कुलर सर्जरी विभाग की टीम ने राज्य की पहली और दुर्लभ ‘कैरोटिड एंडआर्टरेक्टॉमी’ सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देकर एक 70 वर्षीय बुजुर्ग को जीवनदान दिया है। मरीज की गले की कैरोटिड आर्टरी में 95% ब्लॉकेज था, जिसे सर्जरी के माध्यम से पूरी तरह साफ किया गया।

मरीज को थे लकवे, धुंधली दृष्टि और सुनने में दिक्कत के लक्षण

बालाघाट निवासी 70 वर्षीय मरीज पिछले दो वर्षों से लगातार लकवे, चक्कर आना, एक आंख से धुंधला दिखना और सुनाई न देना जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहा था। प्रारंभिक जांच के बाद डॉक्टरों ने कैरोटिड सीटी एंजियोग्राफी कराई, जिसमें सामने आया कि दाहिनी कैरोटिड आर्टरी में 95 प्रतिशत अवरोध है, जिससे मस्तिष्क तक रक्त का प्रवाह बाधित हो रहा था।

बेहद जोखिम भरी थी सर्जरी, फिर भी चुनी गई यह राह

विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णकांत साहू और उनकी टीम ने मरीज की स्थिति को देखते हुए जटिल सर्जरी करने का निर्णय लिया। डॉ. साहू के अनुसार, सर्जरी के दौरान यदि कोई भी प्लाक का टुकड़ा या हवा का बुलबुला मस्तिष्क में पहुंच जाता, तो ब्रेन डेड होने की आशंका थी। इसके बावजूद, मरीज और उनके परिजनों ने ऑपरेशन की सहमति दी।

सफल सर्जरी से टला बड़ा खतरा

सर्जरी के दौरान डॉक्टरों ने ‘कैरोटिड शंट’ नामक विशेष उपकरण का उपयोग किया, ताकि ऑपरेशन के दौरान भी मस्तिष्क तक रक्त का प्रवाह जारी रहे। ब्लॉकेज हटाने के बाद ‘बोवाइन पेरीकार्डियम पैच’ की मदद से धमनी की मरम्मत की गई। ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा और मरीज अब स्वस्थ होकर डिस्चार्ज की स्थिति में है।

डॉ. साहू ने बताया कि हालांकि कैरोटिड आर्टरी स्टेंटिंग एक विकल्प है, लेकिन ‘कैरोटिड एंडआर्टरेक्टॉमी’ सर्जरी को अधिक सुरक्षित और स्थायी इलाज माना जाता है।

क्या है कैरोटिड आर्टरी और क्यों होता है ब्लॉकेज?

कैरोटिड आर्टरी वह प्रमुख धमनी है जो गले से होकर मस्तिष्क तक रक्त पहुंचाती है। जब इसमें रुकावट आती है, तो मस्तिष्क को पर्याप्त रक्त नहीं मिल पाता। ब्लॉकेज के प्रमुख कारण होते हैं —

  • धूम्रपान

  • तंबाकू का सेवन

  • अनियंत्रित डायबिटीज

  • उच्च रक्तचाप

  • कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना

ब्लॉकेज यदि 50% तक हो तो आमतौर पर कोई विशेष लक्षण नहीं दिखते, लेकिन जब यह 70-80% से अधिक हो जाता है, तो टीआईए (छोटे स्ट्रोक) जैसे लक्षण नजर आते हैं — जैसे:

  • एक आंख से अचानक दिखाई देना बंद होना

  • मुंह टेढ़ा होना

  • बोलने में परेशानी

  • संतुलन खोना

कैसे करें बचाव?

इस बीमारी से बचने के लिए जरूरी है:

  • धूम्रपान और तंबाकू का त्याग

  • ब्लड प्रेशर और शुगर का नियंत्रण

  • संतुलित आहार और नियमित व्यायाम
    विशेषज्ञों के अनुसार, जिन मरीजों को हृदय संबंधित बीमारियां होती हैं, उनमें से 8 से 10% मरीजों को कैरोटिड आर्टरी में भी ब्लॉकेज की समस्या हो सकती है।

इस सर्जरी के साथ ही डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल ने प्रदेश में चिकित्सा सेवाओं की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है, जिससे आने वाले समय में और भी मरीजों को नई उम्मीद और जीवन मिल सकेगा।

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