घर के पास मिला विशाल अजगर और उसके 25 अंडे, देखकर लोगों के उड़े होश

अंबिकापुर। शहर के सरगवां क्षेत्र में एक फार्म हाउस के भूसा कक्ष में लंबे समय से डेरा जमाए बैठे मादा अजगर और उसके 25 अंडों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया गया है। यह जोखिम भरा ऑपरेशन सर्प मित्र सत्यम द्विवेदी और वन विभाग की संयुक्त टीम द्वारा पूरी सूझबूझ, धैर्य और सावधानी के साथ अंजाम दिया गया। रेस्क्यू के बाद अजगर और अंडों को अंबिकापुर के संजय पार्क में प्राकृतिक निगरानी और सुरक्षा के बीच रखा गया है, जहां वे अब वन विभाग की सतत देखरेख में हैं।
कई दिनों से फार्म हाउस में दिख रहा था अजगर
नगर से लगे स्वर्गीय कार्तिकेय जायसवाल के डेयरी फार्म में पिछले कई दिनों से अजगर देखे जाने की सूचनाएं मिल रही थीं। फार्म हाउस के भूसे के गोदाम और आसपास के क्षेत्र में अजगर की लगातार मौजूदगी से लोग दहशत में थे। जब मामले की जानकारी वन विभाग तक पहुंची तो सर्प मित्र सत्यम द्विवेदी के नेतृत्व में टीम को तत्काल मौके पर रवाना किया गया।
मादा अजगर अपने अंडों की कर रही थी सुरक्षा
मौके पर पहुंचने पर टीम ने देखा कि लगभग 12 फीट लंबा मादा अजगर एक स्थान पर कुंडली मारे बैठा था। उसके पास ही भूसे के ढेर में करीब 25 अंडे मौजूद थे। विशेषज्ञों के मुताबिक, मादा अजगर अत्यधिक सतर्कता के साथ अंडों की रक्षा कर रही थी, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन काफी जोखिम भरा हो गया था। मामूली गलती से अजगर आक्रामक हो सकता था, लेकिन पूरी टीम ने संयम और अनुभव से काम लेते हुए ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
संजय पार्क में मिला नया प्राकृतिक घर
रेस्क्यू के बाद अजगर और अंडों को सुरक्षित तौर पर अंबिकापुर के संजय पार्क में स्थानांतरित कर दिया गया है। वन विभाग ने वहां उनके लिए एक प्राकृतिक, शांत और सुरक्षित माहौल तैयार किया है। अब अजगर और अंडे वन विभाग की सतत निगरानी में हैं। अनुमान है कि एक महीने के भीतर इन अंडों से अजगर के बच्चे निकल आएंगे।
10 साल की है यह मादा अजगर
सर्प मित्र सत्यम द्विवेदी ने जानकारी दी कि यह मादा अजगर लगभग 10 वर्ष पुरानी है और पूरी तरह से स्वस्थ अवस्था में है। उन्होंने यह भी बताया कि अजगर का वजन और लंबाई उसके उम्र के अनुसार सामान्य है। सत्यम और उनकी टीम की सतर्कता और अनुभव के कारण ही यह ऑपरेशन बिना किसी नुकसान के सफल हो सका।