Prabhsimran Singh: पिता की दोनों किडनियां फेल, हफ्ते में तीन बार होती है डायलिसिस, लेकिन IPL में बल्ले से कोहराम मचा रहा है ये 24 साल का खिलाड़ी

Prabhsimran Singh
Prabhsimran Singh: IPL 2025 में पंजाब किंग्स के युवा बल्लेबाज़ प्रभसिमरन सिंह ने अपने दमदार खेल से क्रिकेट प्रशंसकों को तो प्रभावित किया ही है, लेकिन इससे भी बड़ी बात यह है कि उन्होंने अपने गंभीर रूप से बीमार पिता के चेहरे पर मुस्कान लौटाई है। रविवार को लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ खेले गए मैच में प्रभसिमरन ने सिर्फ 48 गेंदों में 91 रनों की विस्फोटक पारी खेली, जिसमें उन्होंने 6 चौके और 7 छक्के लगाए। उनकी इस पारी की बदौलत पंजाब किंग्स ने 236 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया और 37 रनों से मुकाबला अपने नाम किया।
पिता की बीमारी, बेटे का संबल बना बल्ला
प्रभसिमरन के पिता सुरजीत सिंह किडनी फेल्योर से जूझ रहे हैं और हफ्ते में तीन बार डायलिसिस करानी पड़ती है। ऐसे मुश्किल वक्त में बेटे की शानदार बल्लेबाज़ी उनके लिए एक संजीवनी की तरह है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, जब भी सुरजीत सिंह अपने बेटे को टीवी पर खेलते देखते हैं, उनके चेहरे पर राहत और गर्व दोनों की झलक होती है।
आईपीएल 2025 में प्रभसिमरन की धमाकेदार फॉर्म
इस सीजन में प्रभसिमरन जबरदस्त फॉर्म में हैं। उन्होंने 11 पारियों में 170 के स्ट्राइक रेट से अब तक 437 रन बना लिए हैं, जिसमें कई मैच जिताऊ पारियां शामिल हैं। मैदान पर उनकी आक्रामक बल्लेबाज़ी न सिर्फ टीम को मजबूती दे रही है, बल्कि उन्हें टीम इंडिया के दरवाजे तक भी ले जा सकती है।
हाल ही में एक इंटरव्यू में प्रभसिमरन ने कहा,
“हर क्रिकेटर का सपना होता है भारत के लिए खेलना, मेरा भी यही सपना है। मैं उसी दिशा में मेहनत कर रहा हूं।”
आईपीएल करियर का सफर
प्रभसिमरन सिंह ने 2019 में 60 लाख रुपये में पंजाब किंग्स के साथ अपने आईपीएल सफर की शुरुआत की थी। 2022 की नीलामी में भी उन्हें टीम ने उसी कीमत पर फिर से खरीदा। लेकिन 2025 की मेगा नीलामी से पहले फ्रेंचाइज़ी ने उन पर बड़ा दांव खेलते हुए 4 करोड़ रुपये में रिटेन किया।
उनका पहला बड़ा धमाका 2023 में देखने को मिला, जब उन्होंने दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ 65 गेंदों पर 103 रन बनाए थे। इस पारी ने दिल्ली को प्लेऑफ की रेस से बाहर कर दिया था। हालांकि उस सीजन में वे सिर्फ एक और अर्धशतक ही बना सके और कुल 358 रन बनाए थे।
2024 का सीजन उनके लिए खास नहीं रहा, लेकिन 2025 में उन्होंने अपने बल्ले से आलोचकों को चुप करा दिया है।
पारिवारिक संघर्षों के बीच मैदान पर बेखौफ अंदाज में खेलते हुए प्रभसिमरन सिंह आज लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन गए हैं। उनके प्रदर्शन ने बता दिया है कि अगर जज़्बा हो, तो हालात कितने भी मुश्किल क्यों न हों, सपनों की उड़ान को कोई नहीं रोक सकता।