Mann Ki Baat: PM मोदी की ‘मन की बात’, इमरजेंसी को ‘लोकतंत्र की हत्या’ बताया, योग दिवस पर भी की बात

PM Modi's 'Mann Ki Baat'

PM Modi's 'Mann Ki Baat'

Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 123वें एपिसोड में आपातकाल के 50 साल पूरे होने का जिक्र करते हुए उसे ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार दिया और कहा कि इसे थोपने वाले हार गए। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस और भारत की उपलब्धियों पर भी विस्तार से चर्चा की।

‘योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ’: योग दिवस की भव्यता

पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत योग दिवस की भव्यता पर बात करते हुए की। उन्होंने कहा, “आप सब इस समय योग की ऊर्जा और ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ की स्मृतियों से भरे होंगे। इस बार भी 21 जून को देश-दुनिया के करोड़ों लोगों ने ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ में हिस्सा लिया।” उन्होंने जोर दिया कि 10 साल पहले शुरू हुआ यह सिलसिला हर साल और भव्य होता जा रहा है, जो दर्शाता है कि लोग अपने दैनिक जीवन में योग को तेजी से अपना रहे हैं।

इस बार की थीम ‘Yoga for One Earth, One Health’ (एक पृथ्वी – एक स्वास्थ्य) का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि यह सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि एक दिशा है जो हमें ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का एहसास कराती है। उन्होंने विश्वास जताया कि इस बार के योग दिवस की भव्यता अधिक से अधिक लोगों को योग अपनाने के लिए प्रेरित करेगी।

पीएम ने देश के विभिन्न हिस्सों से योग की आकर्षक तस्वीरें साझा कीं:

  • हिमालय की बर्फीली चोटियों पर ITBP के जवानों ने साहस और साधना के साथ योग किया।
  • गुजरात के वडनगर में 2121 लोगों ने एक साथ भुजंगासन कर नया रिकॉर्ड बनाया।
  • न्यूयॉर्क, लंदन, टोक्यो, पेरिस जैसे बड़े शहरों से योग की तस्वीरें आईं, जिनमें शांति, स्थिरता और संतुलन दिखा।
  • नौसेना के जहाजों पर भी योग की भव्य झलक दिखी।
  • तेलंगाना में तीन हजार दिव्यांग साथियों ने योग शिविर में भाग लेकर दिखाया कि योग कैसे सशक्तिकरण का माध्यम है।
  • दिल्ली के लोगों ने स्वच्छ यमुना के संकल्प से जुड़कर यमुना तट पर योग किया।
  • जम्मू-कश्मीर में दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज, चिनाब ब्रिज पर भी लोगों ने योग किया।
  • विशाखापत्तनम के समुद्र तट पर तीन लाख लोगों ने एक साथ योग किया।
  • विशाखापत्तनम से ही दो हजार से ज्यादा आदिवासी छात्रों ने 108 मिनट तक 108 सूर्य नमस्कार किए, जो उनके अनुशासन और समर्पण को दर्शाता है।

धार्मिक यात्राएं: ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ का प्रतिबिंब

पीएम मोदी ने धार्मिक यात्राओं के महत्व पर भी प्रकाश डाला, खासकर भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “जब कोई तीर्थयात्रा पर निकलता है तो एक ही भाव सबसे पहले मन में आता है, ‘चलो, बुलावा आया है’। यही भाव हमारे धार्मिक यात्राओं की आत्मा है।” उन्होंने इन यात्राओं को शरीर के अनुशासन, मन की शुद्धि, आपसी प्रेम और भाईचारे का माध्यम बताया।

उन्होंने कहा कि ये धार्मिक यात्राएं सेवा के अवसरों का भी महाअनुष्ठान होती हैं, जहां तीर्थयात्रियों की सेवा में लोग जुट जाते हैं। पीएम ने कहा कि जगन्नाथ रथ यात्रा, चाहे ओडिशा में हो, गुजरात में हो, या देश के किसी भी कोने में, लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं। उन्होंने इसे ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के भाव का प्रतिबिंब बताया और सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं।

पीएम ने बताया कि लंबे समय के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा का फिर से शुभारंभ हुआ है। उन्होंने यह भी जिक्र किया कि 3 जुलाई से पवित्र अमरनाथ यात्रा शुरू होने जा रही है और सावन का पवित्र महीना भी कुछ ही दिन दूर है।

सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य: भारत की बढ़ती कवरेज

पीएम मोदी ने इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) की हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि भारत की 64% से ज्यादा आबादी को अब कोई न कोई सामाजिक सुरक्षा लाभ मिल रहा है, जो दुनिया की सबसे बड़ी कवरेज में से एक है। उन्होंने कहा कि आज देश के लगभग 95 करोड़ लोग किसी न किसी सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ पा रहे हैं, जबकि 2015 तक यह आंकड़ा 25 करोड़ से भी कम था।

स्वास्थ्य के मोर्चे पर, पीएम ने घोषणा की कि भारत ट्रेकोमा (Trachoma) मुक्त देश बन चुका है। उन्होंने इसे उन लाखों लोगों की मेहनत का फल बताया जिन्होंने इस बीमारी से लड़ाई लड़ी। उन्होंने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ और ‘जल जीवन मिशन’ के योगदान की भी सराहना की, क्योंकि घर-घर नल से साफ पानी पहुंचने से ऐसी बीमारियों का खतरा कम हो गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी भारत द्वारा बीमारी से निपटने के साथ-साथ उसके मूल कारणों को दूर करने के प्रयासों की सराहना की है।

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