मेडिकल कॉलेजों पर NMC की सख्ती: सात दिन में फीस और स्टाइपेंड की जानकारी सार्वजनिक करने का आदेश

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने देशभर के सभी मेडिकल कॉलेजों को निर्देश दिया है कि वे सात दिनों के भीतर कोर्सवार फीस और इंटर्नशिप स्टाइपेंड की पूरी जानकारी अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करें। इस आदेश का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
यह निर्देश सभी सरकारी, निजी और डीम्ड विश्वविद्यालयों के लिए लागू है। कॉलेजों को कहा गया है कि वे इंटर्न, जूनियर रेजिडेंट और सीनियर रेजिडेंट को दिए जाने वाले स्टाइपेंड की भी पूरी जानकारी साझा करें।
CBI की छापेमारी और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद बड़ा कदम
NMC का यह आदेश ऐसे समय में आया है, जब हाल ही में CBI की कई मेडिकल कॉलेजों पर छापेमारी हुई है और निर्धारित फीस से अधिक वसूली के मामले सामने आए हैं। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने दो अलग-अलग मामलों में मेडिकल कॉलेजों की गोपनीय फीस व्यवस्था और इंटर्नशिप में स्टाइपेंड न देने की प्रवृत्ति पर चिंता जाहिर की थी।
इस पर कार्रवाई करते हुए NMC ने निर्देश दिया है कि सभी कॉलेज गूगल फॉर्म के माध्यम से अपनी फीस और स्टाइपेंड की जानकारी सात दिनों के भीतर अपलोड करें। यह कदम छात्रों और अभिभावकों को स्पष्ट और पारदर्शी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए उठाया गया है।
NMC की सख्त चेतावनी: उल्लंघन पर मान्यता रद्द तक की कार्रवाई
NMC ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई कॉलेज बिना पूर्व स्वीकृति के छिपी हुई या अतिरिक्त फीस वसूलता है, तो यह गैरकानूनी माना जाएगा। ऐसे मामलों में संबंधित संस्थानों पर शो कॉज नोटिस, आर्थिक दंड, नए एडमिशन पर रोक और कोर्स की मान्यता रद्द करने जैसे सख्त कदम उठाए जाएंगे।
इस निर्देश का मुख्य उद्देश्य मेडिकल शिक्षा में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है, जिससे छात्रों को शोषण और अनियमितताओं से बचाया जा सके।
NMC: भारत में मेडिकल शिक्षा का शीर्ष नियामक निकाय
गौरतलब है कि NMC की स्थापना 2020 में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) को भंग कर की गई थी। यह संस्था मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता तय करने, डॉक्टरों की निगरानी करने, और देश की स्वास्थ्य जरूरतों के अनुरूप सुधार सुझाव देने का कार्य करती है।