ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद पीएम मोदी बिहार दौरे पर, INS विक्रांत से दिखा भारत की समुद्री ताकत का गर्जन

आतंकवाद के खिलाफ भारत के निर्णायक अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद देशभर में राजनीतिक और सैन्य हलचल तेज हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों विभिन्न राज्यों के दौरों पर हैं। गुजरात दौरे के बाद अब वह बिहार के दौरे पर हैं, जहां आज उनका दूसरा दिन है। वहीं, देश के गृहमंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर में हैं और पाकिस्तानी गोलीबारी के शिकार परिवारों से मिलकर उन्हें राहत और नियुक्ति पत्र सौंप रहे हैं। इसी कड़ी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत का दौरा कर देश की समुद्री शक्ति का आकलन किया और नौसैनिकों का मनोबल बढ़ाया।
INS विक्रांत पर पहुंचे रक्षा मंत्री, कहा – “आपके रहते भारत को कोई आंख उठाकर नहीं देख सकता”
INS विक्रांत के डेक पर खड़े होकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नौसैनिकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “जब मैं भारत की समुद्री शक्ति के प्रतीक INS विक्रांत पर खड़ा हूं, तो एक गर्व और विश्वास का भाव मेरे भीतर है। जब तक राष्ट्र की समुद्री सीमाएं आपके मजबूत हाथों में सुरक्षित हैं, तब तक भारत को कोई तिरछी नजर से नहीं देख सकता।” उन्होंने आगे कहा कि विक्रांत का मतलब ही होता है ‘अदम्य साहस और अपराजेय शक्ति’, और आज वे इस नाम को साकार होते हुए देख रहे हैं। नौसैनिकों की आंखों में दिख रही दृढ़ता में ही भारत की असली शक्ति छिपी है।
ऑपरेशन सिंदूर में निर्णायक भूमिका में रहा INS विक्रांत
INS विक्रांत सिर्फ एक जहाज नहीं, बल्कि समुद्री युद्ध की दिशा बदलने वाला स्तंभ बन गया है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय नौसेना ने उत्तरी अरब सागर में कैरियर बैटल ग्रुप की तैनाती की थी, जिसकी कमान INS विक्रांत ने संभाली। इस ग्रुप में 8 से 10 युद्धपोत शामिल थे, जिनमें स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट्स और डिस्ट्रॉयर भी थे। इस फॉरवर्ड डिप्लॉयमेंट ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया कि भारत किसी भी उकसावे का करारा जवाब देने में सक्षम है। परिणामस्वरूप, पाकिस्तानी नौसेना अपने कराची नेवल बेस से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं कर पाई और अंततः सीजफायर की मांग करनी पड़ी।
कितना विशाल और शक्तिशाली है INS विक्रांत?
INS विक्रांत को ‘समुद्र का शेर’ कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। यह एयरक्राफ्ट कैरियर 262 मीटर लंबा, 62 मीटर चौड़ा और 59 मीटर ऊंचा है। इसमें 30,000 टन से अधिक विशेष DMR ग्रेड स्टील का उपयोग हुआ है, जिसे स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने तैयार किया है। यह तैरता हुआ हवाई अड्डा एक साथ 30 से अधिक लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों को संचालित करने में सक्षम है। इस पर मिग-29K फाइटर जेट्स, कामोव हेलीकॉप्टर और स्वदेशी एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (ALH) जैसे विमान तैनात किए जा सकते हैं।
INS विक्रांत – भारत की समुद्री शान
INS विक्रांत भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत है, जो पूरी तरह से भारत में डिज़ाइन और निर्मित किया गया है। इसका डिज़ाइन भारतीय नौसेना के वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो (WDB) ने तैयार किया है, जबकि निर्माण कार्य कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL), कोच्चि में किया गया। इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब 20,000 करोड़ रुपये है और इसमें 75% तक स्वदेशी तकनीक और संसाधनों का इस्तेमाल हुआ है।
देशभर में सक्रिय हैं वरिष्ठ नेता
प्रधानमंत्री मोदी जहां बिहार में विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन कर रहे हैं, वहीं गृहमंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर में पीड़ित परिवारों से मिलकर उन्हें सरकारी नौकरी के नियुक्ति पत्र दे रहे हैं। इन सबके बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का INS विक्रांत दौरा, भारत की सैन्य और रणनीतिक क्षमता का स्पष्ट संकेत देता है कि देश अब हर मोर्चे पर सतर्क और सशक्त है।