एक अनोखा ग्रह : इस ग्रह पर 84 साल का होता है एक साल

क्या आप सोच सकते हैं कि किसी ग्रह पर एक साल 84 साल के बराबर हो सकता है? जी हां, हम बात कर रहे हैं यूरेनस ग्रह की, जो हमारे सौरमंडल का सातवां ग्रह है और अपने अजीब झुकाव, ठंडे तापमान और नीली चमक के लिए जाना जाता है। इस ग्रह की खासियतें इतनी हैरान करने वाली हैं कि वैज्ञानिक भी इसके रहस्यों को जानने के लिए लगातार शोध कर रहे हैं।
धरती से कितना अलग है यूरेनस?
सूर्य से दूरी: करीब 2.9 अरब किलोमीटर
व्यास: लगभग 51,000 किलोमीटर (पृथ्वी से चार गुना बड़ा)
तापमान: लगभग -224 डिग्री सेल्सियस
एक दिन की अवधि: 17 घंटे 14 मिनट
एक साल की अवधि: 84 पृथ्वी वर्ष
यह ग्रह इतनी दूरी पर है कि सूर्य की रोशनी को वहां तक पहुंचने में करीब ढाई घंटे लगते हैं।
खोज कैसे हुई?
1781 में ब्रिटिश खगोलशास्त्री विलियम हर्शल ने यूरेनस की खोज की थी। शुरुआत में उन्होंने इसे एक धूमकेतु समझा, लेकिन बाद में जर्मन खगोलशास्त्री जोहान बोडे ने इसे ग्रह के रूप में पहचाना और इसका नाम रोमन देवता यूरेनस के नाम पर रखा।
नीला रंग और वातावरण
यूरेनस का रंग नीला-हरा दिखता है, जो कि इसके वायुमंडल में मौजूद मीथेन गैस की वजह से होता है। यह गैस लाल रंग की रोशनी को अवशोषित कर लेती है, जिससे यह ग्रह नीली चमक देता है। इसके वातावरण में: 83% हाइड्रोजन, 15% हीलियम, 2% मीथेन मौजूद है।
क्यों है यूरेनस इतना तिरछा?
यूरेनस लगभग 98 डिग्री के कोण पर झुका हुआ है, यानी यह अपनी परिक्रमा लगभग “लेटकर” करता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि अरबों साल पहले किसी बड़े खगोलीय पिंड से टकराने के कारण यह ग्रह इतना तिरछा हो गया। इस झुकाव का परिणाम यह होता है कि इसके ध्रुवों पर 42 साल लगातार दिन और फिर 42 साल लगातार रात होती है।
इसकी भीतरी संरचना
यूरेनस की बनावट भी काफी अलग है: यह पूरी तरह गैस और बर्फ से बना है। इसमें कोई ठोस सतह नहीं है। अंदर की परतों में पानी, मीथेन और अमोनिया मौजूद हैं। वॉयेजर 2 ने 1986 में यूरेनस का निरीक्षण किया था, जिसमें इसका चुंबकीय क्षेत्र बेहद अजीब पाया गया — इसका उत्तर और दक्षिण चुंबकीय ध्रुव एक-दूसरे से काफी अलग ताकत रखते हैं।
चंद्रमा और रिंग्स
यूरेनस के पास 28 चंद्रमा हैं, जिनमें प्रमुख हैं: मिरांडा, एरियल, अंब्रियल, टाइटेनिया और ओबेरोन इसके चारों ओर 13 रिंग्स हैं, जिनमें से 9 अंदरूनी और 4 बाहरी रिंग्स हैं।
अब भी बना हुआ है रहस्य:
वैज्ञानिक मानते हैं कि यूरेनस की उत्पत्ति करीब 4.5 अरब साल पहले गैस और धूल से बनी प्री-सोलर नेबुला से हुई थी। लेकिन इसका अजीब झुकाव, तापमान और चुंबकीय क्षेत्र इसे अब तक के सबसे रहस्यमयी ग्रहों में से एक बनाते हैं।