वेटिंग टिकट वालों की नो एंट्री: अब केवल कन्फर्म टिकटधारी यात्रियों को ही मिलेगा प्लेटफॉर्म पर प्रवेश, भारतीय रेलवे में बड़ा बदलाव

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने भीड़ प्रबंधन को प्रभावी बनाने के लिए बड़े और व्यस्त स्टेशनों पर स्टेशन निदेशक नियुक्त करने का निर्णय लिया है। ये अधिकारी न केवल प्रशासनिक शक्तियों से लैस होंगे, बल्कि वित्तीय मामलों में भी अधिकार प्राप्त करेंगे, जिससे वे बजट मंजूरी और निर्माण कार्यों का निर्णय स्वयं ले सकेंगे। स्टेशन पर तैनात सभी अधिकारी इन निदेशकों को सीधे रिपोर्ट करेंगे।

प्लेटफॉर्म पर केवल कन्फर्म टिकटधारी यात्रियों को मिलेगा प्रवेश

नए नियमों के तहत अब केवल कन्फर्म आरक्षित टिकट वाले यात्री ही प्लेटफॉर्म तक पहुंच पाएंगे। ट्रेन आने के कुछ समय पहले ही प्लेटफॉर्म की ओर जाने वाले रास्ते खोले जाएंगे। यह पायलट योजना पहले से ही नई दिल्ली, आनंद विहार, अयोध्या और गाजियाबाद स्टेशनों पर लागू की जा चुकी है।

प्रमुख सुधार और व्यवस्थाएं:

प्रवेश नियंत्रण: 73 चयनित स्टेशनों पर प्रवेश पूरी तरह नियंत्रित किया जाएगा। बिना टिकट वाले या प्रतीक्षा सूची में रहने वाले यात्री स्टेशन के बाहरी प्रतीक्षालय में ही इंतजार करेंगे।

फुट-ओवर ब्रिज (FOB): 12 मीटर और 6 मीटर चौड़े नए डिजाइन के फुट-ओवर ब्रिज बनाए जाएंगे, जो भीड़ प्रबंधन में कारगर साबित होंगे।

वॉर रूम की स्थापना: भीड़ नियंत्रण के लिए बड़े स्टेशनों पर वॉर रूम बनाए जाएंगे, जहां सभी विभागों के अधिकारी समन्वय करेंगे।

आधुनिक संचार उपकरण: भीड़ वाले स्टेशनों पर वॉकी-टॉकी, उद्घोषणा प्रणाली और डिजिटल कॉलिंग उपकरण लगाए जाएंगे।

आईडी कार्ड और यूनिफॉर्म: सभी कर्मचारियों को नए डिज़ाइन के आईडी कार्ड और यूनिफॉर्म प्रदान किए जाएंगे, जिससे केवल अधिकृत लोग स्टेशन में प्रवेश कर सकेंगे।

टिकट बिक्री नियंत्रण: स्टेशन निदेशक को स्टेशन की क्षमता और यात्री संख्या के अनुसार टिकटों की बिक्री सीमित करने का अधिकार मिलेगा।

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