“मैं कुछ भी कर लूं, मुझे नहीं मिलेगा शांति का नोबेल पुरस्कार” : सोशल मीडिया पर ट्रम्प का छलका दर्द

Donald Trump: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने नोबेल शांति पुरस्कार को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रूथ सोशल’ पर एक पोस्ट में लिखा कि उन्होंने कई बड़े शांति प्रयास किए हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा।
“मैंने भारत-पाकिस्तान युद्ध रोका” – ट्रम्प का दावा
ट्रम्प ने लिखा, “मैंने विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ मिलकर कांगो-रवांडा के दशकों पुराने संघर्ष को समाप्त करने के लिए शांति समझौता कराया। मैंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोका, सर्बिया-कोसोवो के बीच समझौता कराया, मिस्र और इथियोपिया के टकराव को शांत किया और मिडिल ईस्ट में ‘अब्राहम समझौते’ करवाए।”
“लोग जानते हैं मैंने क्या किया”
ट्रम्प ने आगे लिखा कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो अब्राहम समझौते में और भी देश शामिल होंगे और मध्य-पूर्व क्षेत्र में एकता संभव हो सकेगी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि वह रूस-यूक्रेन और इजरायल-ईरान जैसे विवाद भी सुलझा लें, तब भी उन्हें यह पुरस्कार नहीं मिलेगा। ट्रम्प ने कहा, “लोग जानते हैं कि मैंने क्या किया है, और मेरे लिए वही सबसे महत्वपूर्ण है।”
भारत सरकार ने किया ट्रम्प के दावे से इनकार:
हालांकि, भारत सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर किसी बाहरी मध्यस्थता की वजह से नहीं, बल्कि दोनों देशों की सेनाओं के आपसी संवाद से हुआ था। सरकार ने कहा था कि इसमें अमेरिकी हस्तक्षेप की कोई भूमिका नहीं थी।
ट्रम्प का बार-बार ‘नोबेल’ जिक्र:
अपने पोस्ट में ट्रम्प ने छह बार नोबेल शांति पुरस्कार का उल्लेख किया और यह जताने की कोशिश की कि भले ही उन्हें यह पुरस्कार न मिले, लेकिन उनके किए गए शांति प्रयासों को दुनिया जानती और मानती है।
ट्रम्प का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब वैश्विक स्तर पर रूस-यूक्रेन, इजरायल-ईरान, और चीन-ताइवान जैसे मुद्दों पर तनाव बना हुआ है, और उनका यह दावा फिर से विवाद और चर्चा का विषय बन गया है।