ड्रोन से निगरानी और हमले की तैयारी में नक्सली, सुकमा से जब्त हुआ पहला सबूत – NIA की जांच में कई बड़े खुलासे

रायपुर। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के जंगलों में नक्सलियों की ओर से ड्रोन के इस्तेमाल की पुष्टि होने के बाद सुरक्षा एजेंसाएं अलर्ट मोड पर हैं। पुलिस ने फरवरी 2025 में सुकमा के गुंडराजगुडेम जंगल से सर्चिंग के दौरान एक ड्रोन जब्त किया था। इसके साथ ही यह पहली बार है जब नक्सलियों द्वारा ड्रोन के वास्तविक उपयोग का पुख्ता सबूत सामने आया है।

हाई-एंड कैमरा ड्रोन, लेकिन बम-गोला ढोने की क्षमता नहीं
सुकमा पुलिस के अनुसार, बरामद किया गया ड्रोन मुख्य रूप से निगरानी के लिए इस्तेमाल होता है। इसकी रेंज 3 किलोमीटर है, लेकिन यह कोई भारी वस्तु जैसे बम, बारूद या दवा ले जाने में सक्षम नहीं है। यह वही तरह का ड्रोन है जो आमतौर पर वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी में प्रयुक्त होता है। फिर भी सुरक्षा एजेंसाओं का मानना है कि नक्सलियों के मंसूबे इससे कहीं ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं।

ड्रोन की सप्लाई और ट्रेनिंग का नेटवर्क उजागर
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) से छत्तीसगढ़ पुलिस को मिले इनपुट्स में बताया गया है कि नक्सलियों को ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। जून 2024 में NIA ने तेलंगाना पुलिस की मदद से तीन आरोपियों को पकड़ा, जिनमें से एक आरोपी छत्तीसगढ़ के बीजापुर का रहने वाला था। इन आरोपियों ने छत्तीसगढ़, तेलंगाना और ओडिशा के नक्सल प्रभावित इलाकों में ड्रोन सप्लाई किए थे।

29 जून 2024 को दिल्ली से मथुरा निवासी विशाल सिंह नामक आरोपी को गिरफ्तार किया गया, जिसने पूछताछ में बताया कि वह पिछले सात वर्षों से माओवादियों को ड्रोन की आपूर्ति और प्रशिक्षण दे रहा था। उसने बिहार के छकरबंदा-पचरुखिया वन क्षेत्र में सीपीआई (माओवादी) नेताओं को ड्रोन उपलब्ध कराए थे।

NIA को शक – नक्सलियों के पास हो सकते हैं 10 ड्रोन
NIA के सूत्रों का कहना है कि नक्सलियों के पास सिर्फ एक या दो नहीं बल्कि कम से कम 10 ड्रोन हो सकते हैं। ये ड्रोन अलग-अलग कमेटियों के पास हो सकते हैं और उनका इस्तेमाल न केवल पुलिस मूवमेंट पर नजर रखने बल्कि हमले की रणनीति में भी किया जा सकता है। फिलहाल एजेंसी इन ड्रोन की संख्या और उनके संचालनकर्ताओं की पहचान में जुटी है।

पहले भी मिल चुके थे ड्रोन के संकेत, पुष्टि अब हुई
हालांकि ड्रोन को लेकर खबरें 2018 से आती रही हैं, लेकिन 2019, 2020 और 2023 में ड्रोन देखे जाने की पुष्टि नहीं हो सकी थी। 2019 में केंद्र सरकार ने नक्सल प्रभावित इलाकों में ड्रोन दिखने पर तत्काल उसे मार गिराने का निर्देश भी जारी किया था। फरवरी 2025 में सुकमा से ड्रोन की बरामदगी पहली ऐसी घटना है, जिसे पुलिस और एजेंसियों ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है।

426 नक्सली मारे जा चुके हैं बस्तर में, महिला लड़ाकों की भी बड़ी संख्या
नक्सल मोर्चे पर सुरक्षा बलों को लगातार सफलता मिल रही है। आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी 2024 से जून 2025 तक बस्तर क्षेत्र में कुल 426 से अधिक नक्सलियों का एनकाउंटर किया गया है। इनमें से 136 महिला नक्सली थीं। सबसे अधिक 281 नक्सली दंडकारण्य क्षेत्र में मारे गए हैं। पुलिस के मुताबिक मारे गए नक्सलियों में पोलित ब्यूरो के सदस्य, महासचिव बसवा राजू, स्टेट कमेटी के 16 सदस्य भी शामिल हैं।

NIA की जांच जारी, और खुलासों की उम्मीद
विशाल सिंह की गिरफ्तारी के बाद NIA द्वारा जब्त किए गए डिजिटल उपकरणों की गहन जांच चल रही है। एजेंसी को उम्मीद है कि इस डेटा के विश्लेषण से नक्सल संगठनों की रणनीति, नेटवर्क और फंडिंग मॉडल का भी पर्दाफाश हो सकता है। इससे पहले अगस्त 2024 में हरियाणा-पंजाब इकाई का प्रमुख अजय सिंघल उर्फ अमन भी पकड़ा गया था।

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