बस्तर में ऑपरेशन फेल होने की बड़ी वजह… जवानों की रील्स से लीक हो रही प्लानिंग! नक्सलियों को मिल रही मदद

जगदलपुर। बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ चल रहे ऑपरेशनों के बीच एक चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई है। सुरक्षाबलों द्वारा लगातार किए जा रहे अभियानों के बावजूद नक्सलियों पर decisive यानी निर्णायक बढ़त नहीं मिल पा रही है। इसका कारण सिर्फ जंगलों की दुर्गमता या नक्सलियों की फुर्ती नहीं, बल्कि खुद पुलिस के भीतर से हो रही रणनीति की लीक भी है – और इसका बड़ा जरिया बन रहा है सोशल मीडिया।

हाल के महीनों में कई बार देखा गया है कि ऑपरेशन के दौरान की गई घेराबंदी के बावजूद नक्सली पुलिस को चकमा देकर फरार हो जाते हैं। इस पर जब पुलिस महकमे ने जांच की तो जो सामने आया, उसने अफसरों को भी हैरान कर दिया। डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) के जवानों द्वारा ऑपरेशन के दौरान बनाई गई सोशल मीडिया रील्स, ग्रुप फोटोज और वीडियो ही नक्सलियों को पुलिस की रणनीति का अंदाजा दिला रहे हैं।

टेक्नोलॉजी के जरिए नक्सली बढ़ा रहे बढ़त

बस्तर जैसे संवेदनशील इलाके में जहां नक्सली गतिविधियों की रोकथाम के लिए हर रणनीति को गोपनीय रखना बेहद जरूरी है, वहां जवानों का सोशल मीडिया पर सक्रिय होना पुलिस की योजनाओं को कमजोर बना रहा है। बसवराजू जैसे शीर्ष नक्सली नेताओं की मौत के बाद भी संगठन की तकनीकी क्षमता और खुफिया तंत्र कमजोर नहीं हुआ है। वे लगातार जारी प्रेस नोट्स के जरिए अपनी सक्रियता का प्रमाण दे रहे हैं और पुलिस की गतिविधियों पर पैनी नजर रखे हुए हैं।

इतना ही नहीं, ग्रामीण इलाकों में जो लोग पुलिस को सहयोग कर रहे हैं, नक्सली उन्हें पहचान कर निशाना बना रहे हैं, जिससे सुरक्षाबलों के लिए सूचना जुटाना और अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है।

सात में से पांच ऑपरेशन असफल

पुलिस सूत्रों की मानें तो बीते दो महीनों में कुल सात ऑपरेशन बस्तर और सीमावर्ती इलाकों में चलाए गए। इनमें से केवल दो ही अभियान अपेक्षित रूप से सफल रहे। एक बड़ी कार्रवाई नारायणपुर में महाराष्ट्र सीमा पर हुई, जहां दो दिन तक पहाड़ों और घने जंगलों में पीछा करने के बाद छह नक्सली मारे गए। मगर बाकी ऑपरेशन अपेक्षित नतीजे नहीं ला पाए, क्योंकि नक्सली पहले से पुलिस की गतिविधियों से वाकिफ हो चुके थे।

सोशल मीडिया अकाउंट्स पर नजर

बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी ने माना कि सोशल मीडिया जवानों की सबसे बड़ी कमजोरी बनकर उभरा है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि ऑपरेशन के दौरान वीडियो बनाने, फोटो पोस्ट करने और लोकेशन टैग करने जैसी गतिविधियों पर सख्त रोक लगाई जाए। ऐसे सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स की पहचान कर उन्हें तुरंत प्रतिबंधित करने के आदेश जारी किए गए हैं।

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