Bijapur Naxal Attack: बीजापुर में नक्सलियों का आतंक, 12 ग्रामीणों का अपहरण, तीन की हत्या, कई घायल

Bijapur Naxal Attack
बीजापुर। Bijapur Naxal Attack: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से नक्सली हिंसा की एक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। नक्सलियों ने गांव के 12 ग्रामीणों का अपहरण कर लिया और जंगल में ले जाकर तीन लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी। साथ ही सात अन्य ग्रामीणों के साथ बुरी तरह मारपीट की गई है। इस घटना के बाद इलाके में जबरदस्त दहशत का माहौल है। पुलिस ने घटनास्थल के लिए रवाना होकर जांच शुरू कर दी है।
जंगल में ले जाकर की हत्या
यह घटना बीजापुर थाना क्षेत्र के ग्राम पेद्दाकोरमा की है। स्थानीय सूत्रों और पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, बीते देर रात नक्सलियों ने गांव में घुसकर 12 ग्रामीणों को अगवा कर लिया। सभी को जंगल की ओर ले जाया गया, जहां तीन लोगों – जग्गू मोडियाम, अनिल मंडावी और सोमा मोडियाम – की निर्मम हत्या कर दी गई। अन्य ग्रामीणों को छोड़ने से पहले उन्हें बुरी तरह पीटा गया।
नक्सलियों का खौफ कायम
इस घटना ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि बीजापुर जैसे नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों का खौफ आज भी कायम है। ग्रामीणों में भारी डर का माहौल है और गांव लगभग वीरान सा हो गया है। घटना की खबर मिलते ही पुलिस बल मौके के लिए रवाना हो गया है। सुरक्षा बल जंगल में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं ताकि नक्सलियों की लोकेशन ट्रेस की जा सके।
पुलिस की प्रतिक्रिया
बीजापुर पुलिस ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि ग्रामीणों के शवों को बरामद करने और घायलों को चिकित्सा सहायता देने का काम शुरू कर दिया गया है। इस जघन्य कृत्य को किस कारण से अंजाम दिया गया, इसकी जांच जारी है। वहीं पुलिस यह भी पता लगा रही है कि क्या मारे गए ग्रामीणों पर नक्सलियों को पुलिस से संपर्क होने का संदेह था।
ग्रामीणों में आक्रोश और डर
इस हमले के बाद ग्रामीणों में जहां गहरा आक्रोश है, वहीं भय का माहौल भी देखने को मिल रहा है। लोग अब गांव छोड़कर अन्यत्र जाने पर विचार कर रहे हैं। इस तरह की घटनाएं प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती बनकर सामने आ रही हैं।
बीजापुर में हुई यह नक्सली वारदात छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या की गंभीरता को फिर से उजागर करती है। सरकार और सुरक्षा बलों के लिए यह एक बड़ा संकेत है कि जमीनी स्तर पर और सख्ती की जरूरत है ताकि निर्दोष ग्रामीणों को इस तरह की बर्बरता का शिकार न होना पड़े।