Naxal Surrender: सुकमा में 23 नक्सलियों का सरेंडर, करोड़ों के इनामी नक्सली लौटे मुख्यधारा में, तीन दंपत्ति भी शामिल

Naxal Surrender in sukma
सुकमा। Naxal Surrender: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले सुकमा से आज एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां पुलिस और प्रशासन की रणनीति को बड़ी सफलता मिली है। लंबे समय से नक्सली गतिविधियों में शामिल रहे 23 नक्सलियों ने रविवार को आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का ऐलान किया है। आत्मसमर्पण करने वालों पर कुल 1 करोड़ 18 लाख रुपए का इनाम घोषित था।
पीएलजीए बटालियन के हार्डकोर सदस्य भी शामिल
सरेंडर करने वालों में से 8 नक्सली पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) की बटालियन से जुड़े हार्डकोर सदस्य थे, जबकि बाकी नक्सली विभिन्न फ्रंट संगठनों से सक्रिय रूप से जुड़े हुए थे। इनमें 1 डीवीसीएम (डिवीजनल कमेटी मेंबर), 6 पीपीसीएम (पार्ट डिविजनल कमेटी मेंबर), 4 एसीएम (एरिया कमेटी मेंबर) और 12 पार्टी सदस्य शामिल हैं। इन 23 नक्सलियों में 9 महिलाएं और 14 पुरुष शामिल हैं, जिनमें 3 नक्सली दंपत्ति भी आत्मसमर्पण करने वालों में हैं।
सरकार की नीतियों और पुलिस की रणनीति ने दिलाई सफलता
इन नक्सलियों ने सरकार की “छत्तीसगढ़ नक्सल आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति” और “नियद नेल्ला नार” (अब नया सूरज उगेगा) जैसी योजनाओं से प्रेरित होकर आत्मसमर्पण का फैसला लिया है। इसके अलावा बस्तर के सुदूर वन क्षेत्रों में नए पुलिस और सुरक्षा बलों के कैंपों की स्थापना और लगातार मजबूत होते सुरक्षा तंत्र ने नक्सलियों पर दबाव बनाया, जिससे उन्होंने हथियार छोड़ने का निर्णय लिया।
मुख्यधारा में लौटने की इच्छा जताई
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने अब समाज की मुख्यधारा में लौटकर सामान्य जीवन जीने की इच्छा जताई है। पुलिस और प्रशासन की ओर से उन्हें पुनर्वास नीति के तहत हर संभव मदद और सहयोग का आश्वासन दिया गया है।
नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी जीत
सुकमा जिले में हुई यह कार्रवाई नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस की एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। प्रशासन का कहना है कि इस प्रकार की कार्रवाई आने वाले समय में भी जारी रहेगी और जो भी नक्सली आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटना चाहता है, उसका स्वागत किया जाएगा।
यह आत्मसमर्पण घटना न केवल बस्तर क्षेत्र के लिए बल्कि पूरे राज्य के लिए एक सकारात्मक संकेत है, जो यह दर्शाता है कि सरकार और सुरक्षा बलों की संयुक्त रणनीति अब रंग ला रही है।