1 अगस्त से बदल जाएंगे UPI के नियम: बैलेंस चेक, ऑटोपे और API उपयोग पर नई सीमाएं लागू

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के करोड़ों यूज़र्स के लिए एक अहम तकनीकी बदलाव 1 अगस्त से लागू होने जा रहा है। UPI का संचालन करने वाले भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने सिस्टम को अधिक स्थिर, सुरक्षित और निर्बाध बनाने के लिए नए API उपयोग नियम लागू करने की घोषणा की है।

यह बदलाव भले ही आम यूज़र्स को सीधे न दिखे, लेकिन इसका सीधा असर बैलेंस चेक, ऑटोपे मैंडेट और ट्रांजेक्शन स्टेटस जांच जैसे सामान्य फीचर्स पर पड़ेगा। NPCI का कहना है कि ये परिवर्तन तेजी से बढ़ते UPI ट्रैफिक को संतुलित करने और सिस्टम को बार-बार ठप होने से बचाने के लिए जरूरी हैं।

क्यों जरूरी हुआ बदलाव?

NPCI के मुताबिक, मई 2025 तक UPI ने 18 अरब से अधिक ट्रांजेक्शन और 25 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान प्रोसेस किया। इतनी बड़ी मात्रा में लेनदेन की प्रक्रिया के कारण, हाल के महीनों में बैंकिंग सिस्टम पर अत्यधिक लोड और अनियंत्रित API कॉल्स के चलते बार-बार रुकावटें आने लगी थीं।

सबसे बड़ी रुकावट 12 अप्रैल को पांच घंटे तक रही, जो पिछले तीन वर्षों की सबसे लंबी आउटेज थी। NPCI की जांच में पाया गया कि यह समस्या “चेक ट्रांजेक्शन” API के अत्यधिक उपयोग के कारण हुई थी, जहां कुछ बैंक पुराने लेनदेन के लिए बार-बार स्थिति जांच रहे थे।

1 अगस्त से लागू होने वाले प्रमुख बदलाव:

1. बैलेंस चेक की सीमा तय

अब कोई भी UPI ऐप पर प्रति दिन अधिकतम 50 बार ही बैंक बैलेंस चेक कर सकेगा।

2. लिंक्ड खातों की जांच सीमित

मोबाइल नंबर से लिंक खातों की जानकारी प्रति ऐप, प्रति दिन 25 बार तक ही देखी जा सकेगी।

3. ऑटोपे मैंडेट का समय बदला

SIP, नेटफ्लिक्स जैसे सब्सक्रिप्शन के लिए ऑटोपे अब केवल ग़ैर-पीक घंटों में निष्पादित किए जाएंगे:

  • सुबह 10 बजे से पहले
  • दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे के बीच
  • रात 9:30 बजे के बाद

4. लेनदेन स्थिति की सीमित जांच

बैंक और PSP अब प्रमाणीकरण के बाद 90 सेकंड के अंतराल पर ही स्थिति की जांच कर सकेंगे। अधिकतम दो घंटे में तीन बार यह जांच संभव होगी।

5. हर ट्रांजेक्शन में बैलेंस अपडेट अनिवार्य

अब सभी बैंक को हर ट्रांजेक्शन नोटिफिकेशन के साथ रीयल-टाइम अकाउंट बैलेंस दिखाना अनिवार्य होगा, ताकि बार-बार बैलेंस चेक करने की ज़रूरत न पड़े।

6. ग़ैर-ग्राहक-आरंभित API पर पाबंदी

पीक आवर्स (जब ट्रैफिक सबसे ज्यादा हो) के दौरान स्वतः शुरू की जाने वाली API कॉल्स पर रोक लगाई जाएगी।

आम उपयोगकर्ता पर असर

अधिकतर यूज़र्स को ये बदलाव तुरंत महसूस नहीं होंगे। लेकिन यदि आप हर ट्रांजेक्शन के बाद बैलेंस चेक करते हैं या बार-बार अकाउंट स्टेटस देखते हैं, तो नई सीमाओं के तहत आपको रुकावट आ सकती है। हालांकि, नए बैलेंस अपडेट फीचर से अलग से चेक करने की जरूरत कम हो जाएगी।

ऑटोपे मैंडेट उपयोगकर्ताओं को केवल समय में थोड़ी लचीलापन लाना होगा। अब भुगतान गैर-पीक घंटों में होगा और तीन बार तक दोहराया जाएगा।

उल्लंघन पर कार्रवाई

NPCI ने PSP और बैंकों को चेताया है कि 31 अगस्त तक नियमों का अनुपालन अनिवार्य है। जो इसका पालन नहीं करेंगे, उन पर जुर्माना, नई यूज़र्स की ऑनबोर्डिंग पर रोक या API एक्सेस निलंबन जैसी सख्त कार्रवाई हो सकती है।

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