भारतमाला परियोजना में घोटाले की परतें खुलने लगीं, तत्कालीन तहसीलदार और पटवारी पर FIR दर्ज

बिलासपुर/रायपुर। भारतमाला परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण में सामने आई अनियमितताओं पर कार्रवाई तेज हो गई है। बिलासपुर जिले के ढेंका गांव में भू-अर्जन में घोटाले की पुष्टि के बाद पूर्व तहसीलदार डीके उइके और पटवारी सुरेश कुमार मिश्रा के खिलाफ तोरवा थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर की कार्रवाई वर्तमान तहसीलदार राहुल शर्मा द्वारा एसडीएम के निर्देश पर की गई शिकायत के आधार पर हुई है। दोनों पर धारा 34, 420, 467, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज हुआ है।

मुआवजा वितरण में हुई अनियमितता की जांच में खुलासा:

राष्ट्रीय राजमार्ग 130ए (बिलासपुर-उरगा मार्ग) के अंतर्गत ढेंका गांव में भारतमाला परियोजना के लिए की गई भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में अनियमितताओं की शिकायत सामने आई थी। जांच में पाया गया कि मुआवजा राशि के वितरण में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की गई।

रायपुर जिले में भी कई अधिकारी घोटाले की जद में:

रायपुर जिले में भी भारतमाला परियोजना के भूमि अधिग्रहण में भारी घोटाले का खुलासा हो चुका है। अभनपुर तहसील में हुए इस घोटाले को लेकर तत्कालीन एसडीएम निर्भय साहू, तहसीलदार शशिकांत कुर्रे, राजस्व निरीक्षक रोशनलाल वर्मा, और पटवारी दिनेश पटेल सहित कई राजस्व अधिकारियों और कर्मचारियों पर EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) ने केस दर्ज किया है। इसी प्रकार गोबरा नवापारा के तत्कालीन नायब तहसीलदार लखेश्वर प्रसाद किरण, पटवारी जीतेंद्र साहू, बसंती घृतलहरे, और लेखराम पटेल पर भी मामला दर्ज हुआ है।

सर्वे में हेरफेर: 17 से बना दिए 97 भू-स्वामी:

रायपुर-विशाखापट्टनम इकनॉमिक कॉरिडोर निर्माण के लिए चार गांवों में जमीन अधिग्रहण हेतु किए गए सर्वे में भी भारी गड़बड़ी पाई गई। जांच में सामने आया कि जिन खसरा नंबरों की वास्तविक रकबा 1.3929 हेक्टेयर थी, वहां मात्र 17 भू-स्वामी थे, लेकिन रिकॉर्ड में हेरफेर कर इनकी संख्या बढ़ाकर 97 कर दी गई। बाद में सभी 97 को मुआवजा भी दिला दिया गया।

एक ही परिवार के नाम पर दर्ज कराई गई कई भूमियां:

जांच में यह भी सामने आया कि अधिकांश मुआवजा उन्हीं लोगों को मिला, जिनके परिवार के सभी सदस्यों के नाम पर फर्जी तरीके से भूमि दर्ज की गई थी। किसी परिवार के 12, किसी के 10, तो किसी के 6-7 सदस्यों के नाम पर जमीन दिखाकर मुआवजा ले लिया गया।

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