कवर्धा में कथित धर्मांतरण का मामला फिर सामने आया, हिंदू संगठनों का विरोध, जांच में जुटी पुलिस

कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में रविवार को कथित धर्मांतरण का एक और मामला सामने आने के बाद क्षेत्र में तनाव की स्थिति बन गई। जानकारी के अनुसार, शहर के एक निजी निवास में लगभग 30 से 35 हिंदू समुदाय के लोगों को एकत्रित कर कथित तौर पर धर्मांतरण की गतिविधियां कराए जाने की सूचना मिलने पर हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए और जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
स्कूल प्राचार्य और उनकी पत्नी पर झाड़-फूंक के बहाने धर्मांतरण का आरोप
विरोध कर रहे संगठनों ने स्कूल प्राचार्य थॉमस और उनकी पत्नी पर झाड़-फूंक के नाम पर लोगों को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन कराने का गंभीर आरोप लगाया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि थॉमस दंपत्ति गरीब, अशिक्षित और नवयुवकों को चंगाई सभा के नाम पर इकट्ठा करते हैं और उन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए मानसिक रूप से तैयार करते हैं।
हिंसक झड़प की आशंका, पुलिस ने संभाला मोर्चा
विरोध के दौरान मौके पर मौजूद हिंदू संगठनों ने यह भी आरोप लगाया कि जब उन्होंने धर्मांतरण का विरोध किया, तो कथित मिशनरी समर्थकों ने उनके साथ हाथापाई करने की कोशिश की। स्थिति को बिगड़ता देख पुलिस ने तत्काल मोर्चा संभाला और मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया।
थाने में शिकायत दर्ज, आरोपियों पर पहले भी लग चुके हैं आरोप
बाद में हिंदू संगठनों ने कवर्धा थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में स्पष्ट रूप से आरोप लगाया गया है कि थॉमस और उनकी पत्नी पहले भी इसी तरह के धर्मांतरण मामलों में न्यायिक हिरासत में जा चुके हैं। संगठनों ने उस आवासीय परिसर में संचालित चर्च को भी बंद कराने की मांग की है, जहां यह कथित गतिविधि चल रही थी।
प्रशासन से निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई की मांग
हिंदू संगठनों का कहना है कि यदि समय रहते प्रशासन ने इस तरह की गतिविधियों पर रोक नहीं लगाई, तो क्षेत्र में साम्प्रदायिक तनाव गहरा सकता है। उन्होंने प्रशासन से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस ने शुरू की जांच, वीडियो फुटेज खंगाले जा रहे
इस बीच पुलिस ने मामले की प्राथमिक जांच शुरू कर दी है और घटना से जुड़े वीडियो फुटेज, प्रत्यक्षदर्शियों के बयान और घटनास्थल की गतिविधियों की बारीकी से जांच की जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।
फिलहाल, क्षेत्र में शांति बनी हुई है, लेकिन पुलिस एहतियात के तौर पर संवेदनशील इलाकों में निगरानी बढ़ा रही है।