Karregutta Naxal Operation: पहाड़ों में मारे गए 19 नक्सली, 8 पुरुष और 11 महिलाएं, कई टॉप कमांडर शामिल

Karregutta Naxal Operation

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Karregutta Naxal Operation: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में सुरक्षाबलों ने एक बड़ी और अहम कामयाबी हासिल की है। इलाके में चल रहे सघन सर्च ऑपरेशन के दौरान अब तक कुल 19 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं। इनमें 8 पुरुष और 11 महिलाएं शामिल हैं। मारे गए नक्सलियों में संगठन के शीर्ष स्तर के नेता और अनुभवी कैडर शामिल हैं, जिससे यह ऑपरेशन सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी सफलता माना जा रहा है।

अब तक की पहचान में दो बड़े नक्सली कमांडरों के नाम सामने आए हैं। इनमें पहला नाम है – काकुरी पंडन्ना उर्फ जगन, जो दक्षिण जोनल कमेटी का सदस्य और गालिकोंडा एरिया कमेटी का प्रभारी था। दूसरा है वागा पोडियामी उर्फ रमेश, जो डिवीजनल कमेटी मेंबर था और कालिमेला एरिया कमेटी की कमान संभाल रहा था। बाकी शवों की पहचान प्रक्रिया अभी जारी है और उम्मीद है कि इनमें भी कई इनामी और वरिष्ठ नक्सली शामिल हो सकते हैं।

कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों को लंबे समय से नक्सलियों का मजबूत गढ़ माना जाता है। यह इलाका छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर स्थित है और यहाँ नक्सलियों की गतिविधियां लगातार जारी रही हैं। हाल के दिनों में मिली खुफिया जानकारी के आधार पर सुरक्षाबलों ने यहां ऑपरेशन को अंजाम दिया। बताया जा रहा है कि बड़ी संख्या में नक्सली किसी बड़ी साजिश के लिए जमा हुए थे।

इस हाई-लेवल ऑपरेशन की निगरानी खुद दिल्ली से की जा रही थी। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के डीजी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ऑपरेशन की प्रगति पर नजर बनाए हुए थे। वहीं छत्तीसगढ़ के एडीजी (नक्सल ऑपरेशन्स) विवेकानंद सिन्हा, CRPF के आईजी राकेश अग्रवाल और बस्तर के आईजी पी. सुंदरराज भी लगातार अपडेट ले रहे थे और टीमों को निर्देश दे रहे थे।

इस ऑपरेशन में सुरक्षाबलों की कई यूनिट्स ने संयुक्त रूप से हिस्सा लिया। इसमें जिला रिजर्व गार्ड (DRG), COBRA कमांडो, सीआरपीएफ की यूनिट्स और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) शामिल थे। इन सभी बलों ने पहाड़ियों को चारों ओर से घेरकर नक्सलियों को चौंका दिया और फिर सटीक कार्रवाई की। भारी गोलीबारी के बाद नक्सली मोर्चा नहीं संभाल सके और बड़ी संख्या में ढेर हो गए।

हालांकि 19 शवों की बरामदगी इस ऑपरेशन की बड़ी सफलता मानी जा रही है, लेकिन सर्च ऑपरेशन अब भी जारी है। सुरक्षा बल पहाड़ियों और जंगल के हर हिस्से की बारीकी से तलाशी ले रहे हैं ताकि किसी भी बच निकलने वाले नक्सली को पकड़ा जा सके या निष्क्रिय किया जा सके।

यह ऑपरेशन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सरकार और सुरक्षाबलों की पकड़ मजबूत करने की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित हो सकता है। कर्रेगुट्टा जैसे दुर्गम इलाकों में इस स्तर की सफलता न केवल मनोबल बढ़ाती है बल्कि आने वाले अभियानों की नींव भी मजबूत करती है।

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