औद्योगिक विकास नीति 2024-30: राज्य में जीसीसी स्थापना पर 60 करोड़ तक का अनुदान, 12 साल तक बिजली दर में छूट

रायपुर:  छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 के तहत ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए बड़े कदम उठाए हैं। इसके तहत मल्टीनेशनल कंपनियों (MNCs) को राज्य में निवेश और रोजगार सृजन के लिए आकर्षक प्रोत्साहन पैकेज की पेशकश की गई है।

विदेशी कंपनियों के लिए दरवाजे खुले

राज्य सरकार ने ऐसे विदेशी स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों के लिए विशेष प्रावधान किए हैं, जो छत्तीसगढ़ में 50 करोड़ रुपये तक का स्थायी पूंजी निवेश करेंगी और 250 से 500 लोगों को रोजगार प्रदान करेंगी। इन्हें अनुदान, टैक्स छूट, और कई अन्य सहूलियतों का लाभ मिलेगा।

क्या होता है जीसीसी?

ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) किसी मल्टीनेशनल कंपनी की सहायक इकाई होती है, जो वित्तीय प्रबंधन, विश्लेषण, मानव संसाधन, आईटी रिसर्च, नवाचार, सप्लाई चेन प्रबंधन, आदि कार्यों में विशेषज्ञता रखती है।
भारत में वर्तमान में लगभग 1800 जीसीसी कार्यरत हैं, जिनमें से अधिकांश बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, पुणे, मुंबई और दिल्ली-एनसीआर में स्थित हैं। ये सेंटर करीब 20 लाख लोगों को रोजगार दे रहे हैं।

निवेश और रोजगार के आधार पर मिलेगा प्रोत्साहन

सरकार ने जीसीसी को निवेश और रोजगार क्षमता के आधार पर दो स्तरों में विभाजित किया है:

  • लेवल 1 जीसीसी: 10 से 50 करोड़ रुपये तक का निवेश या 250 रोजगार

  • एडवांस जीसीसी: न्यूनतम 50 करोड़ रुपये का निवेश और 500 रोजगार

इन कंपनियों को उनके स्थायी पूंजी निवेश के 150% तक का औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।

अनुदान और बिजली दरों में छूट

  • लेवल 1 जीसीसी को 15 करोड़ रुपये का अनुदान 5 वर्षों तक वार्षिक किस्तों में दिया जाएगा।

  • एडवांस जीसीसी को 60 करोड़ रुपये का अनुदान 6 वर्षों तक समान किस्तों में मिलेगा।

  • सेवा शुरू करने के दिन से 12 वर्षों तक बिजली शुल्क में छूट दी जाएगी।

  • नवीनीकरण ऊर्जा का उपयोग करने पर 5% अतिरिक्त अनुदान भी मिलेगा।

और क्या मिलेंगी रियायतें?

जीसीसी इकाइयों को निम्नलिखित अतिरिक्त रियायतें दी जाएंगी:

  • स्टांप शुल्क और पंजीयन शुल्क में छूट

  • भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क में छूट

  • नए बिजली कनेक्शन पर शुल्क की प्रतिपूर्ति

  • परिचालन, ब्याज और वेतन व्यय पर अनुदान

  • स्थानीय कर्मचारियों को दिए गए वेतन पर 20% अनुदान (अधिकतम ₹2 लाख प्रति माह प्रति कर्मचारी, 5 वर्षों तक)

  • ईपीएफ प्रतिपूर्ति, कौशल विकास व्यय प्रतिपूर्ति

  • तकनीकी पेटेंट, गुणवत्ता प्रमाणीकरण, जल एवं ऊर्जा दक्षता जैसे विशेष अनुदान

  • एंकर यूनिट्स को भी विशेष अनुदान

इसके अलावा, यदि कोई निवेश प्रस्ताव नीति में निर्धारित प्रोत्साहनों से अधिक है, तो उसे मंत्रिमंडलीय उप-समिति द्वारा विशेष विचार के लिए भेजा जाएगा।

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