भारत-पाक तनाव से ऑटोमोबाइल बाजार में गिरावट: छत्तीसगढ़ में कारों की बिक्री में 30% कमी

पहलगाम की घटना के बाद भारत द्वारा मई में पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर किए गए हमले के चलते भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी स्थिति बन गई। इस भू-राजनीतिक तनाव का सीधा असर देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर पर पड़ा है। पूरे देश में कारों की बिक्री में गिरावट देखी गई है, और छत्तीसगढ़ में यह असर और अधिक गंभीर रहा — प्रदेश में कारों की बिक्री में 30 प्रतिशत तक की कमी दर्ज की गई है।

पूरे देश में घटा कारोबार:

देशभर में मई 2025 में बीते साल की तुलना में कारों की बिक्री में औसतन चार प्रतिशत की गिरावट आई है। वहीं, छत्तीसगढ़ में यह गिरावट कहीं अधिक रही। आटोमोबाइल डीलरों के अनुसार, मांग में कमी के कारण फिलहाल डीलरों के पास तीन महीने का स्टॉक जमा हो गया है, जो सामान्यतः एक महीने से अधिक नहीं होता।

वैश्विक तनाव और कीमतों का दबाव:

भारत-पाक तनाव के अलावा ईरान-इजराइल युद्ध के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में संभावित वृद्धि की आशंका से भी लोग वाहन खरीदने से पीछे हट रहे हैं। इसके अलावा, अप्रैल में कार कंपनियों द्वारा की गई कीमतों में वृद्धि ने भी उपभोक्ताओं की क्रय-शक्ति को प्रभावित किया है।

भारी डिस्काउंट के बावजूद नहीं मिल रहे ग्राहक:

ऑटोमोबाइल कंपनियां बिक्री बढ़ाने के लिए भारी डिस्काउंट ऑफर कर रही हैं।

मारुति के मॉडल्स पर ₹67,000 से ₹2.5 लाख

टाटा की कारों पर ₹50,000 से ₹75,000

टोयोटा पर ₹68,000 से ₹1 लाख

हुंडई पर ₹70,000

और महिंद्रा XUV 400 EV पर ₹5 लाख तक का डिस्काउंट दिया जा रहा है।

इसके बावजूद ग्राहकों की संख्या बढ़ती नहीं दिख रही है। डीलरशिप्स पर अधिकतर मॉडलों की ऑन-डिमांड उपलब्धता है, फिर भी ग्राहक नहीं पहुंच रहे हैं।

अगले तीन माह रहेगा मंदा बाजार:

डीलर्स का कहना है कि अब बिक्री में सुधार की उम्मीद गणेश चतुर्थी के दौरान ही है, जो अगस्त में आएगी। तब 11 दिनों तक शुभ मुहूर्त के कारण आमतौर पर वाहनों की बिक्री में उछाल आता है। तब तक उन्हें कम से कम तीन महीने तक मंदी का सामना करना पड़ेगा।

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