यूएन में भारत का बड़ा हमला, पाकिस्तान को बताया आतंक का गढ़, सिंधु जल संधि पर भी लगाई फटकार

भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर आतंकवाद का सरपरस्त करार देते हुए संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में करारा जवाब दिया है। भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने यूएन में पाकिस्तान को बेनकाब करते हुए स्पष्ट किया कि आतंकवाद के समर्थन के चलते भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता, तब तक यह संधि स्थगित रहेगी।
पाकिस्तान पर चार दशक से आतंक को बढ़ावा देने का आरोप
राजदूत हरीश ने कहा कि पाकिस्तान कोई नया खिलाड़ी नहीं है, बल्कि वह पिछले चार दशकों से आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। भारत पर पाकिस्तान की तरफ से प्रायोजित आतंकवादी हमलों में अब तक 20 हजार से अधिक नागरिक मारे जा चुके हैं। पाकिस्तान द्वारा समर्थित आतंकवाद का उद्देश्य भारत की सामाजिक एकता, धार्मिक सद्भाव और आर्थिक समृद्धि को चोट पहुंचाना है।
सिंधु जल संधि पर पाकिस्तान की गलतबयानी पर भारत का करारा जवाब
सिंधु जल संधि को लेकर पाकिस्तान की गलत जानकारी फैलाने की कोशिशों पर भी भारत ने उसे आड़े हाथों लिया। राजदूत ने स्पष्ट किया कि यह संधि भारत ने 65 वर्ष पहले सद्भावना के साथ की थी, लेकिन पाकिस्तान ने तीन युद्ध और हजारों आतंकवादी हमलों के जरिए इसकी भावना को तार-तार कर दिया।
हरीश ने कहा, “भारत हमेशा एक जिम्मेदार ऊपरी तटवर्ती देश की तरह व्यवहार करता रहा है, लेकिन अब समय आ गया है कि पाकिस्तान अपने व्यवहार की समीक्षा करे।”
तकनीकी बदलाव और सुरक्षा कारणों से जरूरी है संशोधन
राजदूत ने बताया कि बीते वर्षों में जल प्रबंधन, स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन और जलवायु परिवर्तन की आवश्यकताओं को देखते हुए बांधों की संरचना में तकनीकी बदलाव किए गए हैं। लेकिन पाकिस्तान ने इन बदलावों और संधि के अंतर्गत वैध संशोधनों का लगातार विरोध किया है, जिससे भारत के अधिकारों का उपयोग बाधित हुआ है।
उन्होंने बताया कि भारत ने बीते दो वर्षों में कई बार पाकिस्तान को औपचारिक बातचीत के लिए बुलाया, लेकिन पाकिस्तान ने हर बार इनकार किया।
आतंक के समर्थन पर रोक नहीं, तो संधि भी नहीं
अपने वक्तव्य के अंतिम हिस्से में राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने स्पष्ट किया कि भारत ने यह निर्णय इसीलिए लिया है कि जब तक पाकिस्तान – जो आज भी वैश्विक आतंकवाद का केंद्र बना हुआ है – सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित करना नहीं छोड़ता, तब तक सिंधु जल संधि निलंबित रहेगी।
भारत ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की दोहरी नीति और आतंकवाद को लेकर उसके रवैये की पोल खोल दी है। यूएन में दिए गए इस सशक्त संदेश के ज़रिए भारत ने यह साफ कर दिया है कि अब केवल शांति की बातों से नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई से ही संबंधों में सुधार संभव है। आतंकवाद के खिलाफ भारत की यह आक्रामक कूटनीति दुनिया भर में व्यापक समर्थन पा रही है।