छत्तीसगढ़ के 25 से अधिक ठिकानों पर GST विभाग का छापा, 10 करोड़ की पेनाल्टी, करोड़ों की टैक्स चोरी उजागर

रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्टेट GST विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 25 से अधिक ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है। ये कार्रवाई गुटखा, जूता, कपड़ा, ट्रांसपोर्ट, कार्पोरेट और ट्रेडिंग फर्मों के खिलाफ की गई, जिनके ठिकाने बिलासपुर, कोरबा, दुर्ग, रायगढ़ और जगदलपुर में स्थित हैं।

बोगस बिलिंग और कच्चे लेन-देन का खुलासा

जांच के दौरान अधिकारियों को बोगस बिलिंग, बिना रजिस्ट्रेशन के लेन-देन, और बड़े पैमाने पर जीएसटी चोरी के प्रमाण मिले। कई व्यापारियों ने बिल बुक, स्टाफ रजिस्टर और अन्य व्यावसायिक दस्तावेजों को छिपाने की कोशिश की, लेकिन विभाग ने महत्वपूर्ण दस्तावेज, कंप्यूटर सिस्टम, लैपटॉप और डिजिटल डेटा जब्त कर लिए हैं।

इन सभी फर्मों पर लगभग ₹10 करोड़ की पेनाल्टी लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और नोटिस जारी किए गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, इन फर्मों ने जीएसटी टैक्स का भुगतान नहीं किया और बोगस इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाया।

ड्रायफ्रूट और जूता दुकानों पर भी छापेमारी

कार्रवाई के दौरान दो थोक ड्रायफ्रूट व्यापारियों और जूता दुकानों में भी छापेमारी की गई। इन स्थानों से भी टैक्स चोरी और रिकॉर्ड गड़बड़ी के दस्तावेज सामने आए हैं। विभाग को इन दुकानों की लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं। टीम ने इन दुकानों से कंप्यूटर, लैपटॉप, हिसाब-किताब की डायरी और डिजिटल दस्तावेज जब्त किए हैं।

GST पोर्टल पर जोखिम स्कोर 10, लेकिन भुगतान शून्य

जांच में सामने आया कि इन फर्मों का वर्ष 2017-18 से 2024-25 तक करोड़ों का टर्नओवर है, लेकिन उन्होंने एक भी बार नगद कर भुगतान नहीं किया
ई-वे बिल की जांच में भी पाया गया कि माल आम उपभोक्ताओं को बेचा गया, लेकिन बिल अन्य व्यवसायियों के नाम पर जारी कर दिया गया, जिससे बोगस ITC (इनपुट टैक्स क्रेडिट) का फायदा उठाया गया।

“बिना टैक्स दिए कारोबार नहीं होगा”: स्पेशल कमिश्नर

GST स्पेशल कमिश्नर टीएल ध्रुव ने सख्त चेतावनी दी है:”बिना टैक्स दिए कारोबार नहीं चलेगा। पहले ही सभी व्यापारियों को चेतावनी दी जा चुकी है। छत्तीसगढ़ ने पिछली तिमाही में देश के शीर्ष राज्यों में शामिल होकर सर्वाधिक जीएसटी कलेक्शन किया था। इस तिमाही में भी यह रेकॉर्ड बरकरार रखने की पूरी कोशिश की जा रही है।”

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