जशपुर से ‘गजरथ यात्रा’ का शुभारंभ: मानव-हाथी द्वंद रोकने मुख्यमंत्री साय की अनूठी पहल

जशपुर: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शनिवार को जशपुर के रणजीता स्टेडियम परिसर से ‘गजरथ यात्रा’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह अभिनव यात्रा छत्तीसगढ़ में मानव-हाथी द्वंद को कम करने और वन्यजीव संरक्षण के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हाथियों और इंसानों के बीच बढ़ते टकराव को कम करने के लिए सामुदायिक सहभागिता और जनजागरूकता बेहद जरूरी है। ‘गजरथ यात्रा’ स्कूलों, पंचायतों और हाट-बाजारों में जाकर हाथियों के व्यवहार, सुरक्षा उपायों और सह-अस्तित्व के संदेश को जन-जन तक पहुंचाएगी।

वन कर्मियों को किया सम्मानित:

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर वन विभाग के उन कर्मियों को सम्मानित किया, जिन्होंने मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने में उल्लेखनीय योगदान दिया है।

पर्यावरण संरक्षण का संदेश:

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ‘सिंदूर’ का पौधा लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया और ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत नागरिकों से अधिक से अधिक वृक्षारोपण की अपील की। उन्होंने कहा कि वृक्ष ऑक्सीजन, जल संरक्षण, जैव विविधता और जलवायु संतुलन के लिए जरूरी हैं।

जागरूकता सामग्री का विमोचन:

मुख्यमंत्री ने वन विभाग द्वारा तैयार लघु फिल्म और पुस्तिका का भी विमोचन किया। इसमें हाथियों से जुड़े सावधानियां, उनके व्यवहार की समझ और सुरक्षा उपायों की जानकारी दी गई है, जो स्कूली बच्चों, ग्रामीणों और स्थानीय समुदायों को वितरित की जाएगी।

सतत विकास की दिशा में मजबूत कदम:

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार की नहीं, हर नागरिक की जिम्मेदारी है। ‘गजरथ यात्रा’ राज्य सरकार की उस व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जो स्थानीय समुदायों की भागीदारी से जैव विविधता संरक्षण और सतत विकास को बढ़ावा देती है।

उपस्थित रहे कई जनप्रतिनिधि:

इस अवसर पर समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, योग आयोग अध्यक्ष रूप नारायण सिन्हा, पूर्व सांसद रणविजय सिंह जूदेव, पद्मश्री जागेश्वर यादव, विधायक रायमुनी भगत, जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय, माटीकला बोर्ड अध्यक्ष शंभूनाथ चक्रवर्ती, नगर पालिका अध्यक्ष अरविंद भगत, संभागायुक्त नरेंद्र दुग्गा, आईजी दीपक झा, कलेक्टर रोहित व्यास, एसएसपी शशि मोहन सिंह समेत अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी, छात्र, नागरिक और योग संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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