2 मिनट…242 जिंदगियां: पूर्व मुख्यमंत्री अपनी पत्नी को लाने जा रहे थे लंदन, अहमदाबाद विमान हादसे में विजय रूपाणी का निधन, 133 शव बरामद

अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद में एयर इंडिया की इंटरनेशनल फ्लाइट बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (फ्लाइट नंबर AI-171) हादसे का शिकार हो गई। यह विमान लंदन के लिए 1:38 बजे उड़ान भर रहा था, लेकिन टेकऑफ के महज दो मिनट बाद दोपहर 1:40 बजे एयरपोर्ट की दीवार और एयर कस्टम कार्गो ऑफिस के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की मौत की खबर सामने आई है। भाजपा के राज्यसभा सांसद परिमल नाथवानी ने इस बात की जानकारी X (पूर्व में ट्विटर) पर दी थी, हालांकि कुछ देर बाद उन्होंने अपनी पोस्ट हटा ली। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, विजय रूपाणी विमान में सवार थे और इस दुर्घटना में वे नहीं बच पाए।
पत्नी को लाने लंदन जा रहे थे रूपाणी :
एयर इंडिया की इस अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट में विजय रूपाणी लंदन जा रहे थे, जहां उनकी पत्नी पिछले छह महीनों से रह रही थीं। उनके करीबी सहयोगी नितिन भारद्वाज के मुताबिक, विजय रूपाणी अपनी पत्नी को वापस लाने के लिए इस यात्रा पर निकले थे। यात्रियों की सूची में उनका नाम 12वें नंबर पर दर्ज है और उन्हें बिजनेस क्लास में सीट नंबर 2D आवंटित थी। टेकऑफ के दौरान विमान क्रैश हो गया, जिससे उनकी मौत हो गई। इस हादसे के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से फोन पर बात कर हालात की जानकारी ली है।
डीएनए टेस्ट के जरिए की जाएगी पहचान :
विमान में कुल 242 यात्री सवार थे, जिनमें 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल थे। हादसे की जगह से अब तक 133 शव बरामद किए गए हैं। अधिकतर शव बुरी तरह झुलस गए हैं, जिससे उनकी पहचान करना मुश्किल हो गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, शवों की पहचान अब डीएनए टेस्ट के जरिए की जाएगी।
15 डॉक्टरों के घायल होने की खबर :
जिस इमारत से विमान टकराया, वहां अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल के कई डॉक्टर रहते हैं। इस टक्कर में 15 डॉक्टरों के घायल होने की खबर है। दुर्घटना के तुरंत बाद इलाके में भारी धुएं का गुबार फैल गया, जिससे आसपास के लोगों में दहशत का माहौल है। जांच एजेंसियां हादसे के कारणों की पड़ताल कर रही हैं।
छात्र राजनीति से की थी राजनीतिक जीवन की शुरुआत :
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता विजय रूपाणी को सिर्फ एक राजनेता नहीं, बल्कि पार्टी की विचारधारा का सच्चा प्रतिनिधि माना जाता था। सादगी, संगठन के प्रति समर्पण और निष्ठा उनकी पहचान का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी और धीरे-धीरे संगठन में ऊंचा स्थान प्राप्त करते हुए मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे।
रंगून से राजकोट तक का सफर:
विजय रूपाणी का जन्म 2 अगस्त 1956 को म्यांमार (उस समय का बर्मा) की राजधानी रंगून में हुआ था। उनके पिता रमणिकलाल रूपाणी व्यापार के सिलसिले में वहां बसे हुए थे। लेकिन 1960 में बर्मा की राजनीतिक स्थिति खराब होने पर उनका परिवार भारत लौट आया और राजकोट को अपना स्थायी निवास बना लिया।