मानसून की दस्तक के बाद भी बारिश पर 28 दिन का लंबा ब्रेक, दस साल में पहली बार ऐसी स्थिति

रायपुर: छत्तीसगढ़ में इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून की समय पर दस्तक के बावजूद बारिश में लंबा अवरोध देखने को मिला है। 27 मई को दंतेवाड़ा में मानसून सक्रिय हुआ था, जो प्रदेश के इतिहास में सबसे जल्दी मानी जा रही शुरुआत है। इसके बावजूद पूरे राज्य में अब तक व्यापक बारिश नहीं हुई है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, मानसून आने के बाद 5-7 दिन का ब्रेक सामान्य होता है, लेकिन इस बार 28 दिन का सूखा बना रहना पिछले दस वर्षों में पहली बार है – खासकर उस समय जब प्रशांत महासागर में ला-नीना जैसी बारिश-सहायक स्थिति बनी हुई है।

राज्य के मध्य भाग, विशेषकर रायपुर, अब तक राहत की बारिश से वंचित है। राजधानी में अब तक केवल 38 मिमी वर्षा हुई है, जबकि सामान्य औसत 90 मिमी है – यानी 58% की कमी। जून महीने में आमतौर पर 106 मिमी बारिश होती है, पर इस बार यह आंकड़ा 60.8 मिमी पर अटका हुआ है।

बारिश की स्थिति जिलेवार:

60% से अधिक सामान्य बारिश: बलरामपुर – 187.7 मिमी

20–59% अधिक बारिश: कोरिया (119 मिमी), जशपुर (202 मिमी)

सामान्य ±19%: रायगढ़ (112 मिमी), सूरजपुर (86.4 मिमी)

20–59% कम बारिश: बीजापुर, दंतेवाड़ा, बस्तर, रायपुर, बलौदाबाजार, जांजगीर, कबीरधाम, कोरबा, सरगुजा

60–99% कम बारिश: सुकमा, नारायणपुर, कोंडागांव, कांकेर, गरियाबंद, धमतरी, बालोद, राजनांदगांव, दुर्ग, महासमुंद, बेमेतरा, बिलासपुर, मुंगेली

रायपुर का रिकॉर्ड:

रायपुर जिले में पिछले दस वर्षों में सबसे कम जून वर्षा 2015 और 2022 में 46 मिमी दर्ज की गई थी। सर्वाधिक बारिश 2020 में 270.9 मिमी हुई थी।

आगे की संभावना:

मौसम विभाग के अनुसार, 25 जून को गंगेटिक पश्चिम बंगाल और आसपास एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवात बनने की संभावना है। इसके 1–2 दिन बाद प्रदेश में वर्षा गतिविधियों के फिर से सक्रिय होने की उम्मीद है। जुलाई और अगस्त में सामान्य से बेहतर बारिश की संभावना जताई जा रही है।

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