कोयला लेवी घोटाले में बड़ी गिरफ्तारी: दो साल से फरार नवनीत तिवारी EOW के हत्थे चढ़ा, रिमांड पर जारी पूछताछ

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला लेवी घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) को बड़ी सफलता मिली है। करीब दो वर्षों से फरार चल रहे आरोपी नवनीत तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। नवनीत पर अवैध कोल लेवी की योजना बनाने, वसूली करने और उस पैसे को निवेश करने जैसे गंभीर आरोप हैं।
ED की रेड के बाद से था फरार
EOW के अनुसार नवनीत तिवारी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 7A, 12 और भारतीय दंड संहिता की धाराएं 420 (धोखाधड़ी), 120B (षड्यंत्र), 384 (जबरन वसूली), 467, 468 और 471 (जालसाजी और दस्तावेजों की कूट रचना) के तहत अपराध दर्ज है। 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी के बाद से नवनीत फरार था। उसके खिलाफ अदालत से स्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था, लेकिन वह लगातार कानून से बचता रहा। अंततः EOW की टीम ने उसे धर दबोचा।
न्यायालय में पेशी, पुलिस रिमांड पर पूछताछ जारी
गिरफ्तारी के बाद नवनीत तिवारी को अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया गया है। अब उससे कोल ट्रांसपोर्ट परमिट में की गई धांधली, अवैध धन वसूली की प्रक्रिया, और अन्य संलिप्त लोगों की भूमिका को लेकर गहन पूछताछ की जा रही है।
क्या है कोयला लेवी घोटाला?
ED की जांच में सामने आया कि जुलाई 2020 से जून 2022 तक राज्य में कोयला परिवहन के हर टन पर 25 रुपये की अवैध लेवी वसूली गई। इसके पीछे राजनीतिक और प्रशासनिक गठजोड़ सामने आया है।
खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक IAS समीर बिश्रोई द्वारा एक आदेश जारी कर परमिट प्रणाली को ऑफलाइन किया गया, जिससे व्यापारी E-Permit के बजाय सीधे भुगतान कर परमिट हासिल करने लगे। जो व्यापारी तय रकम देता था, उसे ही खनिज विभाग से पीट (Permit) और परिवहन पास मिलता था।
इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया है। उसकी टीम इस अवैध वसूली की रकम इकट्ठा करती थी। जांच के अनुसार, इस घोटाले के जरिए करीब 570 करोड़ रुपये की अवैध वसूली की गई।
अवैध कमाई का इस्तेमाल कहाँ हुआ?
जांच एजेंसियों के अनुसार, यह अवैध कमाई रिश्वत, चुनावी खर्च और संपत्तियों की खरीद में इस्तेमाल की गई। कई सरकारी अफसरों और नेताओं को लाभ पहुंचाने की बात भी जांच में सामने आ चुकी है।यह गिरफ्तारी घोटाले की परतें खोलने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है। अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि पूछताछ में और किन-किन बड़े नामों का खुलासा होता है।