डूमरतराई थोक बाजार पर डबल मार: मानसून और ई-कॉमर्स से 30% तक घटा कारोबार

रायपुर का डूमरतराई थोक बाजार, जो प्रदेश का सबसे बड़ा किराना व्यापार केंद्र माना जाता है, इन दिनों दोहरी चुनौती से जूझ रहा है। एक ओर जहां मानसून की बारिश व्यापार पर असर डाल रही है, वहीं दूसरी ओर ई-कॉमर्स कंपनियों का बढ़ता दबदबा भी बाजार को नुकसान पहुँचा रहा है। सामान्य दिनों में जहां रोजाना 10 से 12 करोड़ रुपये का कारोबार होता है, वहीं अब इस आंकड़े में 30 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की जा रही है।

खराब मौसम से कम पहुंच रहे ग्राहक

डूमरतराई से राजधानी के लगभग सभी रिटेल बाजारों और किराना दुकानों के साथ ही ओडिशा, झारखंड और आंध्रप्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों तक सामान की सप्लाई होती है। लेकिन लगातार बारिश के चलते दूर-दराज़ के व्यापारी और ग्राहक बाजार तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। कीचड़, रास्तों की स्थिति और सामान खराब होने के डर से व्यापारी सीमित खरीदारी कर रहे हैं। पहले जहां ग्राहक महीने भर का सामान खरीदते थे, अब वे केवल 15 दिन या एक सप्ताह के लिए ही माल ले जा रहे हैं।

मंदी की मार भी जारी

व्यापारियों का कहना है कि इस समय बाजार पहले से ही मंदी के दौर से गुजर रहा है। खुदरा दुकानों में ग्राहक कम हो रहे हैं, जिससे थोक खरीदी पर भी असर पड़ रहा है। व्यापारी वर्ग चिंतित है कि अगर यही स्थिति रही तो आगामी त्योहारी सीजन पर भी इसका गहरा असर पड़ सकता है।

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से गिरा फुटफॉल

ई-कॉमर्स कंपनियों ने भी थोक कारोबार की कमर तोड़ दी है। लोग अब घर बैठे किराना का सारा सामान ऑनलाइन ऑर्डर कर रहे हैं। इससे स्थानीय किराना दुकानदारों की बिक्री कम हो रही है और वे थोक बाजार से कम माल मंगा रहे हैं। व्यापारियों के अनुसार, केवल ई-कॉमर्स के कारण ही 15 फीसदी तक कारोबार में गिरावट आई है।

व्यापार संघ की चिंता

डूमरतराई थोक बाजार के अध्यक्ष प्रेम पाहुजा ने बताया कि वर्तमान में करीब 30% तक कारोबार घट गया है। यदि बारिश ज्यादा होती रही और ऑनलाइन कारोबार इसी तरह बढ़ता रहा, तो हालात और भी खराब हो सकते हैं।

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