DMF फंड विवाद ने बढ़ाई सियासी तापमान: भूपेश बघेल ने रवि भगत का किया खुलकर समर्थन, भाजपा ने किया पलटवार

छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बार फिर हलचल मची है। भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और भाजपा के बीच तीखी जुबानी लड़ाई छिड़ गई है। जहां भूपेश बघेल ने रवि भगत का खुले समर्थन किया है, वहीं भाजपा ने कांग्रेस और बघेल पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है।
अडानी प्रवक्ता से सवाल पूछना बना ‘अपराध’
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फेसबुक पोस्ट और ट्वीट के जरिए भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि “रवि भगत छत्तीसगढ़ भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष हैं. उनको भाजपा के शीर्ष नेतृत्व द्वारा पार्टी से निष्कासित करने की धमकी सिर्फ इसलिए दी जा रही है क्योंकि वे “अडानी संचार विभाग” के एक प्रवक्ता जो कि मंत्री भी है, उससे लगातार सवाल पूछ रहे हैं.”
“डीएमएफ और सीएसआर में जो भ्रष्टाचार चल रहा है, उसको ढकने की कोशिश की जा रही है. रवि भगत की विचारधारा अलग हो सकती है लेकिन अपनी मेहनत से राजनीति में आगे बढ़े एक आदिवासी युवा को दबाकर, धमकाकर भाजपा यह संदेश देना चाहती है कि कोई भी न अडानी के लोगों से न ही सवाल पूछेगा और न ही भ्रष्टाचार पर सवाल उठाएगा. हसदेव, तमनार में आदिवासियों को उजाड़ने के बाद अब भाजपा में आदिवासी नेतृत्व को दबाने की राजनीति शुरू हो गई है. आदिवासी को वनवासी कहने वाली RSS और भाजपा का यही मूल चरित्र है. सबको समझना होगा.”
भाजपा ने किया पलटवार
प्रदेश भाजपा के सह मीडिया प्रभारी अनुराग अग्रवाल ने बघेल पर हमला बोलते हुए कहा कि जब आदिवासी नेता कवासी लखमा की बात आती है, जिनके नाम पर कांग्रेस ने करोड़ों कमाए हैं, तब बघेल चुप रहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भूपेश बघेल ने आदिवासी नेता मोहान मरकाम को DMF फंड पर सवाल उठाने के बाद प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया था। साथ ही, जब कोरबा कलेक्टर रानू साहू ने DMF फंड के दुरुपयोग की बात उठाई, तब उन्हें सजा देने की बजाय प्रमोशन दिया गया।
DMF फंड पर गीत बना विवाद का कारण
यह विवाद तब शुरू हुआ जब भाजयुमो अध्यक्ष रवि भगत ने सोशल मीडिया पर एक गीत पोस्ट किया, जिसमें DMF फंड में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे। इस गीत में अप्रत्यक्ष रूप से राज्य सरकार और संबंधित मंत्री पर तंज कसा गया था। इसके बाद भाजपा ने रवि भगत को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।