NEET पेपर की कठिनता ने घटाया कटऑफ, कम नंबर वालों को भी मिल सकता है शासकीय मेडिकल कॉलेज में दाखिला

रायपुर: इस बार NEET परीक्षा की कठिनता ने कम अंक प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए शासकीय मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश की संभावनाएं बढ़ा दी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार कटऑफ में 50 अंकों तक की गिरावट आ सकती है, जिससे पिछली बार जहां 596 अंक वालों को अंतिम एडमिशन मिला था, वहीं इस बार यह आंकड़ा 475 तक गिर सकता है।
2023 में था ऊंचा कटऑफ:
2023 में NEET का पेपर अपेक्षाकृत सरल था, जिससे सामान्य वर्ग में प्रवेश पाने के लिए छात्रों को 66 अंक ज्यादा लाने पड़े थे। वहीं इस साल कठिन पेपर के चलते प्राप्तांक कम आए हैं। उदाहरण के लिए, रायपुर मेडिकल कॉलेज में पिछले साल 655 अंक वाले को एडमिशन मिला था, जबकि इस बार टॉपर के अंक 618 तक ही सीमित हैं। इससे स्पष्ट है कि सभी कॉलेजों में कटऑफ में गिरावट तय मानी जा रही है।
आरक्षित वर्ग को भी राहत मिलने की संभावना:
पिछली बार जहां आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों को भी अच्छे अंक लाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी थी, इस बार उनके लिए भी राह थोड़ी आसान होने के आसार हैं। कठिन पेपर ने सभी वर्गों के लिए प्रतिस्पर्धा की तीव्रता को थोड़ा कम किया है।
काउंसलिंग अगस्त में, एनएमसी तय करेगा शेड्यूल:
अब काउंसलिंग प्रक्रिया की जिम्मेदारी नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) की है, जो ऑल इंडिया कोटे और राज्य स्तरीय सीटों दोनों के लिए शेड्यूल जारी करेगा। छत्तीसगढ़ में काउंसलिंग की शुरुआत अगस्त 2025 में होने की संभावना जताई जा रही है।
वहीं, निजी कॉलेजों में NRI कोटे के नियमों को लेकर मामला न्यायालय में लंबित है, जिससे इस बार संचालनालय को अतिरिक्त दबाव झेलना पड़ सकता है।
सरकारी मेडिकल कॉलेजों की सीटें यथावत:
इस बार छत्तीसगढ़ में एमबीबीएस की सीटों में कोई वृद्धि नहीं हुई है। जिन चार नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों की शुरुआत होनी थी, उनकी शुरुआत अगले सत्र तक टाल दी गई है। वर्तमान में प्रदेश में कुल 2130 शासकीय MBBS सीटें उपलब्ध हैं, जिनमें से करीब 700 सीटें निजी कॉलेजों में शासकीय कोटे से संबंधित हैं।