युक्तियुक्तकरण के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन, बीईओ कार्यालय का किया घेराव

छत्तीसगढ़ में चल रहे युक्तियुक्तकरण (रैशनलाइजेशन) के विरोध में कांग्रेस का विरोध-प्रदर्शन प्रदेशभर में तेज होता जा रहा है। इसी क्रम में सुकमा जिले के कोंटा ब्लॉक में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बीईओ कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया। धरना प्रदर्शन में ब्लॉक स्तर पर कांग्रेस के जिम्मेदार पदाधिकारियों के साथ एनएसयूआई से जुड़े छात्र नेता भी शामिल हुए।

स्कूलों की बंदी और पद समाप्ति का लगाया आरोप

प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि युक्तियुक्तकरण की आड़ में प्रदेश के 10,463 शासकीय स्कूलों को बंद करने की योजना है, जिससे करीब 45,000 शिक्षकों के नियमित पद समाप्त हो जाएंगे। साथ ही, नए सेटअप में प्राथमिक स्तर पर छात्र-शिक्षक अनुपात 30:1 और माध्यमिक स्तर पर 35:1 कर दिया गया है, जो व्यवहारिक नहीं है।

शिक्षा और रोजगार दोनों पर हमला

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह निर्णय शिक्षा विरोधी ही नहीं, बल्कि रोजगार विरोधी भी है। इससे विशेष रूप से दूरस्थ, वनांचल और आदिवासी क्षेत्रों — जैसे बस्तर, सरगुजा और जशपुर — में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाएगी।
उन्होंने कहा कि एक शिक्षक से 18 कक्षाओं और 60 बच्चों को पढ़ाना असंभव है, साथ ही मध्यान्ह भोजन बनाने वाली महिलाएं, रसोइए और अन्य सहायक कर्मचारियों का रोजगार भी खतरे में पड़ जाएगा। बच्चों की गुणवत्ता युक्त शिक्षा बाधित होगी और ड्रॉपआउट दर बढ़ेगी।

कांग्रेस की प्रमुख मांगें

प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस ने सरकार से निम्नलिखित मांगे रखीं:

  • स्कूल बंद करने के आदेश तत्काल स्थगित किए जाएं।

  • कम छात्र संख्या वाले स्कूलों में भी न्यूनतम दो शिक्षक अनिवार्य रूप से नियुक्त किए जाएं।

  • 45 हजार रिक्त पदों को समाप्त करने की बजाय शीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए।

  • स्थानीय स्तर पर समन्वय बैठकों के ज़रिए शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की पहल की जाए।

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