कांग्रेस का आर्थिक नाकेबंदी का ऐलान: सीएम साय बोले- “जो करना है करें, अपने घोटालों की वजह से जा रहे हैं जेल”

रायपुर – छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की ईडी द्वारा गिरफ्तारी के बाद प्रदेश की सियासत में जबरदस्त हलचल मच गई है। कांग्रेस ने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताते हुए 22 जुलाई को राज्यव्यापी आर्थिक नाकेबंदी का ऐलान किया है। वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने ईडी की कार्रवाई को जायज और कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा बताया है।

सीएम विष्णुदेव साय बोले – कांग्रेस कर रही जनता को गुमराह

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शनिवार को कहा, “ईडी एक स्वतंत्र और प्रतिष्ठित केंद्रीय एजेंसी है, जो सोच-समझकर कार्रवाई करती है। कांग्रेस को प्रदर्शन करना है तो करे, लेकिन जनता को परेशान करना सही नहीं है। कांग्रेस ने 5 साल सरकार चलाकर घोटाले किए और अब उनकी जांच हो रही है।”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि – “यह तो शुरुआत है, आगे और भी लोगों की बारी आ सकती है।”

डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कांग्रेस को दी नसीहत

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने भूपेश बघेल के बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “ईडी का काम भ्रष्टाचार की जांच करना है। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला हुआ था, जिसकी जांच की जा रही है। ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ यहीं तक सीमित है, इसका विस्तार अन्य राज्यों तक भी गया है।”

शर्मा ने आगे कहा, “देश की संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ बयानबाजी करना लोकतंत्र को कमजोर करने जैसा है। कांग्रेस को इतिहास से सबक लेना चाहिए — चाहे वो 1975 का आपातकाल हो या चुनाव आयोग पर दबाव डालने की घटनाएं।”

केदार कश्यप ने कहा – कांग्रेस जैसी सरकार नहीं है अब

इस पूरे घटनाक्रम पर राज्य के वन मंत्री केदार कश्यप ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “यह सरकार किसी दबाव में काम नहीं करती। ईडी की कार्रवाई कानून के दायरे में हो रही है। पहले भी पूछताछ हुई थी, और अब गिरफ्तारी भी जांच का हिस्सा है। ईडी किसी सरकार के इशारे पर काम नहीं करती।”

कांग्रेस का आरोप – बदले की कार्रवाई, जनता पर संकट

कांग्रेस ने चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी को “राजनीतिक प्रतिशोध” बताया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार ईडी जैसी संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है। 22 जुलाई को राज्यभर में आर्थिक नाकेबंदी के ज़रिए जनता के बीच इस मुद्दे को उठाया जाएगा।

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