जुआ-सट्टा की शिकायत करना पड़ा भारी, जारी हुआ ‘बहिष्कार आदेश… सरपंच समेत 18 पर FIR

कवर्धा। आधुनिक दौर में जहां गांवों के विकास और समान अधिकारों की बातें की जा रही हैं, वहीं छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले से एक चिंताजनक मामला सामने आया है। सहसपुर लोहारा ब्लॉक के सिंघनगढ़ गांव में जुआ और सट्टा जैसे अवैध गतिविधियों की शिकायत करने पर 7 परिवारों के लगभग 50 लोगों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया है। इस अमानवीय फैसले के पीछे गांव के सरपंच और कुछ प्रभावशाली ग्रामीणों का हाथ बताया जा रहा है। फिलहाल पुलिस ने सरपंच समेत 18 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
शिकायत के बाद सरपंच का रौद्र रूप
मामले की शुरुआत तब हुई जब गांव के निवासी भगवान राम साहू ने सरपंच खिलावन राम साहू उर्फ मनी साहू सहित अन्य ग्रामीणों के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई। पीड़ित परिवारों का आरोप है कि गांव में आयुर्वेदिक विभाग में पदस्थ फार्मासिस्ट विधा सिंह धुर्वे पिछले 30 वर्षों से सरकारी पद पर रहते हुए अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर रहे हैं और राजनीतिक गतिविधियों में लिप्त हैं। इसके साथ ही गांव में जुआ, शराब और अन्य असामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं।
पीड़ित परिवारों ने जब इसकी शिकायत क्षेत्रीय विधायक से की तो इसकी भनक सरपंच को लगी। इसके बाद 12 जून को गांव के हनुमान मंदिर के पास एक पंचायत बुलाई गई, जहां सरपंच ने खुलेआम इन परिवारों को धमकाते हुए शिकायत वापस लेने को कहा।
सामाजिक बहिष्कार का फरमान और जुर्माने की धमकी
शिकायत वापस न लेने पर सरपंच ने बैठक में तुगलकी फरमान जारी कर दिया। सातों परिवारों का गांव से सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया। इतना ही नहीं, सरपंच ने बाकायदा एक लिखित आदेश जारी किया, जिस पर उसकी मुहर और हस्ताक्षर भी किए गए। इस आदेश में कहा गया कि:
- गांव का कोई भी व्यक्ति बहिष्कृत परिवारों से बात नहीं करेगा।
- कोई दुकानदार उन्हें सामान नहीं बेचेगा।
- किसी भी सामाजिक, धार्मिक या पंचायत बैठक में उन्हें शामिल नहीं किया जाएगा।
- यदि कोई व्यक्ति इन बहिष्कृत लोगों से संपर्क करता है, तो उस पर एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।
पीड़ित परिवारों की पीड़ा
सामाजिक बहिष्कार झेल रहे परिवारों का कहना है कि यह स्थिति उनके लिए मानसिक और सामाजिक यातना बन चुकी है। ना तो दुकानों से सामान मिल रहा है, और ना ही लोग बात करने को तैयार हैं। बच्चों की पढ़ाई, बुजुर्गों की दवा और दैनिक जरूरतों के लिए भी उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सरपंच समेत 18 लोगों के खिलाफ सामाजिक बहिष्कार, धमकी देने और दबाव बनाने के आरोप में एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस का कहना है कि जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।