Chhattisgarh Tehsildar Hadtal News: हड़ताल का दूसरा दिन, संभाग स्तर पर गरजे तहसीलदार–नायब तहसीलदार, 17 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार पर दबाव

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रायपुर। Chhattisgarh Tehsildar Hadtal News: छत्तीसगढ़ में तहसीलदार और नायब तहसीलदारों की हड़ताल का आज दूसरा दिन है। छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के बैनर तले जारी इस आंदोलन ने अब संभाग स्तर पर जोर पकड़ लिया है। अधिकारी अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बना रहे हैं। हड़ताल का सीधा असर आम जनता के कामकाज पर साफ दिख रहा है।

संभागों में धरना, कल राजधानी में होगा बड़ा प्रदर्शन

हड़ताल के पहले दिन तहसीलदारों ने जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया था। आज दूसरे दिन वे संभाग स्तर पर धरना देकर अपनी आवाज बुलंद करेंगे। वहीं, कल यानी बुधवार को हड़ताल के अंतिम दिन वे राजधानी रायपुर में एकजुट होकर प्रदर्शन करेंगे, ताकि सरकार का ध्यान उनकी मांगों पर केंद्रित हो सके।

क्यों उतरे आंदोलन की राह पर तहसीलदार?

राज्य के तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने सोमवार से तीन दिवसीय सामूहिक अवकाश लेकर आंदोलन की शुरुआत की है। उनका कहना है कि वे लंबे समय से अपनी समस्याओं को शासन–प्रशासन के सामने रख रहे हैं, लेकिन कोई ठोस पहल नहीं हुई। ऐसे में अब मजबूर होकर उन्हें आंदोलन करना पड़ रहा है।

संघ का नारा है— “संसाधन नहीं तो काम नहीं।” अधिकारियों का आरोप है कि बिना पर्याप्त संसाधन और स्टाफ के उन पर भारी जिम्मेदारियां डाली जा रही हैं।

आम जनता पर पड़ा असर

इस हड़ताल का असर सीधे आम लोगों पर पड़ा है।

  • जमीन से जुड़े कार्य ठप हैं।

  • नामांतरण और बंटवारा की प्रक्रिया रुकी हुई है।

  • खसरा-खतौनी की प्रतिलिपि जारी नहीं हो रही।

  • जाति, आय और निवास प्रमाण पत्र बनना बंद हो गया है।

  • सीमांकन और न्यायालयीन कार्यवाही भी पूरी तरह ठप पड़ी है।

सरकार से मांग

तहसीलदार संगठन की मांग है कि उनकी 17 सूत्रीय समस्याओं का तत्काल समाधान किया जाए। इसमें स्टाफ की कमी पूरी करना, ग्रेड पे में सुधार, नायब तहसीलदारों को राजपत्रित दर्जा, और ड्यूटी के लिए संसाधनों की उपलब्धता जैसी मांगें प्रमुख हैं।

हड़ताल के चलते प्रशासन और आम जनता दोनों की परेशानियां बढ़ गई हैं। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या सरकार आंदोलन खत्म कराने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगी या नहीं।

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