CG News : साय सरकार ने लिया समायोजन का फैसला, बर्खास्त बीएडधारी सहायक शिक्षकों के जीवन में लौटी खुशियां

रायपुर। छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने एक ऐतिहासिक और मानवीय निर्णय लेते हुए प्रदेश के 2600 से अधिक बीएड अर्हताधारी बर्खास्त सहायक शिक्षकों को नई ज़िंदगी दी है। इन शिक्षकों को अब ‘सहायक शिक्षक (विज्ञान प्रयोगशाला)’ के पद पर समायोजित किया गया है। यह फैसला न केवल शिक्षा जगत के लिए बल्कि पूरे राज्य के सामाजिक परिदृश्य के लिए एक मिसाल बन गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अगुवाई में लिया गया यह निर्णय वर्षों से संघर्ष कर रहे शिक्षकों के जीवन में नई उम्मीद की किरण लेकर आया है।

शिक्षकों की वर्षों पुरानी मांग को मिला न्याय

प्रदेश के ये शिक्षक 2018 में नियुक्त किए गए थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उनकी नियुक्तियां अमान्य घोषित कर दी गई थीं क्योंकि प्राथमिक स्तर की शिक्षा के लिए डीएलएड डिग्री को अनिवार्य माना गया। इसके चलते हाईकोर्ट ने भी इनकी नियुक्ति को रद्द कर दिया और उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। इस फैसले के बाद 2621 बीएड धारक सहायक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त हो गईं।

अपनी मांगों को लेकर इन शिक्षकों ने नवा रायपुर में 126 दिनों तक धरना दिया। शांतिपूर्ण आंदोलन, खून से पत्र, जल सत्याग्रह, सामूहिक मुंडन और दंडवत यात्रा जैसे कदम उठाकर उन्होंने अपनी व्यथा सरकार तक पहुंचाई। अंततः मुख्यमंत्री साय ने उनकी पीड़ा को समझा और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया।

कैबिनेट की मुहर: 2621 शिक्षकों का समायोजन

समिति की सिफारिश पर कैबिनेट ने बीएड अर्हताधारी 2621 सहायक शिक्षकों को सहायक शिक्षक (विज्ञान प्रयोगशाला) पद पर समायोजित करने का निर्णय लिया। यह समायोजन राज्य के रिक्त गैर-विज्ञापित 4422 प्रयोगशाला सहायक पदों में किया जाएगा। इस फैसले का शिक्षकों और शिक्षा क्षेत्र में व्यापक स्वागत किया गया।

सीएम निवास पहुंचकर जताया आभार

1 मई को इन बर्खास्त शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री निवास पहुंचा, जहां उन्होंने मुख्यमंत्री साय को गजमाला पहनाकर उनका आभार जताया। इस आत्मीय मुलाकात में सीएम ने सभी शिक्षकों से कहा कि वे अपने दायित्व का निर्वहन पूरी निष्ठा से करें। उन्होंने शिक्षकों से यह भी अपील की कि वे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में अपना सर्वोत्तम योगदान दें।

मुख्यमंत्री ने कहा, “आप हमारे प्रदेश के बच्चे हैं, आपके भविष्य की चिंता हमारी जिम्मेदारी है। यह फैसला आपके उज्जवल और सम्मानजनक भविष्य की ओर एक नई शुरुआत है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि युवा शिक्षक प्रदेश की नई पीढ़ी को दिशा देंगे और छत्तीसगढ़ को विकास के पथ पर अग्रसर करेंगे।

सामाजिक न्याय की मिसाल बनी साय सरकार

शिक्षकों ने मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता और वचनबद्धता की सराहना करते हुए कहा कि यह सरकार वास्तव में उनकी पीड़ा को समझती है। उन्होंने कहा कि साय सरकार ने एक अभिभावक की तरह उनका भविष्य सुरक्षित करने का भरोसा निभाया है। यह फैसला केवल समायोजन नहीं, बल्कि उनके आत्मसम्मान और अस्तित्व की पुनर्स्थापना है।

प्रशिक्षण और योग्यता पूरी करने की मिलेगी छूट

मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट ने यह भी निर्णय लिया है कि कला और विज्ञान संकाय से 12वीं उत्तीर्ण सहायक शिक्षकों को आवश्यक योग्यता (12वीं गणित/विज्ञान) पूरी करने के लिए तीन वर्षों का समय दिया जाएगा। इसके अलावा, इन अभ्यर्थियों को SCERT के माध्यम से दो माह का विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग के 355 अभ्यर्थियों के लिए सांख्येत्तर पदों का सृजन भी किया जाएगा।

समायोजन में अनुसूचित क्षेत्रों को प्राथमिकता

सरकार ने समायोजन प्रक्रिया में जिलों को प्राथमिकता देने की भी योजना बनाई है। सबसे पहले राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों के रिक्त पदों में समायोजन किया जाएगा, इसके बाद सीमावर्ती जिलों में और फिर अन्य जिलों में यह प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

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