कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच छत्तीसगढ़ में फिर सक्रिय हुआ स्वास्थ्य विभाग, मेकाहारा में शुरू होगा अलग कोरोना OPD

रायपुर : देशभर में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हालात को भांपते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने भी सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। राजधानी रायपुर स्थित डॉक्टर भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय (मेकाहारा) में बुधवार को एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें कोरोना से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा की गई। बैठक में अस्पताल के सभी विभागों के प्रमुख शामिल हुए और मरीजों के इलाज, दवाओं की उपलब्धता, ऑक्सीजन, पीपीई किट, बेड, लैब और कोरोना जांच की सुविधाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।

कल से मेकाहारा में शुरू होगा अलग कोरोना OPD

बैठक के बाद निर्णय लिया गया कि 23 मई से मेकाहारा में कोरोना के संदिग्ध मरीजों के लिए अलग से ओपीडी (OPD) शुरू की जाएगी। इसके लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम का गठन कर दिया गया है, जो कोरोना संदिग्ध मरीजों की पहचान कर उनका इलाज करेगी। साथ ही लैब टेक्नीशियन और अन्य स्टाफ भी ओपीडी में उपलब्ध रहेंगे। अस्पताल प्रबंधन ने यह भी स्पष्ट किया है कि जरूरत पड़ने पर अलग से कोरोना वार्ड, आईसीयू और वेंटिलेटर की व्यवस्था की जाएगी।

डॉक्टर चौधरी ने दी जानकारी

मेकाहारा के डीन डॉ. विवेक चौधरी ने बताया कि, “हमने बैठक में सभी विभागाध्यक्षों को बुलाया था। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में कोई कोरोना संक्रमित मरीज नहीं है, लेकिन देश के अन्य हिस्सों में मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में एहतियातन हम पूरी तैयारी कर रहे हैं। कल से कोरोना ओपीडी की शुरुआत होगी, ताकि संक्रमण की आशंका वाले मरीजों का सामान्य मरीजों से अलग इलाज किया जा सके।”

क्यों जरूरी है अलग ओपीडी?

डॉ. चौधरी ने स्पष्ट किया कि कोरोना एक संक्रामक बीमारी है, जो अन्य मरीजों तक आसानी से फैल सकती है। मेकाहारा में प्रतिदिन हजारों मरीज इलाज के लिए आते हैं। ऐसे में यदि एक भी कोरोना मरीज सामान्य ओपीडी में पहुंचता है तो संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है। इसीलिए अलग ओपीडी शुरू की जा रही है, ताकि संक्रमण को रोका जा सके।

दवाएं और सुरक्षा किट उपलब्ध

अस्पताल प्रशासन ने जानकारी दी है कि कोरोना के इलाज के लिए जरूरी दवाओं का भंडारण कर लिया गया है। साथ ही डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए पीपीई किट, मास्क और अन्य आवश्यक संसाधन भी उपलब्ध हैं। इलाज पूर्व में तय किए गए कोरोना प्रोटोकॉल के तहत ही किया जाएगा।

फिलहाल छत्तीसगढ़ में कोरोना का कोई केस नहीं

राज्य कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के मुताबिक, फिलहाल छत्तीसगढ़ में कोरोना का एक भी सक्रिय मरीज नहीं है। लेकिन देश-विदेश में मामलों की संख्या बढ़ने के चलते एहतियात बरतना जरूरी है। चूंकि राज्य के लोग लगातार अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय यात्रा कर रहे हैं, इसलिए संक्रमण फैलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

डॉक्टरों की सलाह: सावधानी ही सुरक्षा

बैठक में मौजूद डॉक्टरों का कहना था कि भले ही वैक्सीन और दवाएं उपलब्ध हैं, लेकिन कोरोना से बचने के लिए सावधानी ही सबसे कारगर उपाय है। लोगों से अपील की गई है कि वे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, भीड़भाड़ से बचें, मास्क पहनें और हाथों की स्वच्छता बनाए रखें।

कोरोना की पुरानी लहरों ने मचाई थी तबाही

गौरतलब है कि कोरोना की तीन लहरों में छत्तीसगढ़ में भारी तबाही हुई थी। राज्य में अब तक कुल 11,88,629 कोरोना मरीज मिल चुके हैं, जिनमें से 14,205 लोगों की मौत हुई थी। अस्पताल में 1,07,884 मरीज भर्ती हुए थे, जबकि 9,95,540 मरीज होम आइसोलेशन में रहे। कुल मिलाकर 11,74,424 लोगों ने कोरोना को मात दी थी।

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