छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट सख्त: डीजे और साउंड बॉक्स से होने वाले शोर पर सरकार को कानून संशोधन के निर्देश

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में डीजे और साउंड बॉक्स के तेज शोर से लोगों को हो रही परेशानी के मामले में सोमवार को जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि कोलाहल नियंत्रण अधिनियम (Noise Pollution Control Act) में कड़ी कार्रवाई के लिए मौजूदा कानूनों में संशोधन की आवश्यकता है। सरकार ने कहा कि इस संबंध में विधानसभा में संशोधन प्रक्रिया की जाएगी।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के जवाब को गंभीरता से लेते हुए कानूनी प्रक्रिया जल्द शुरू करने के निर्देश दिए हैं और मामले की अगली सुनवाई की तारीख 18 अगस्त 2025 तय की है।
मौजूदा कानूनों में सख्ती की कमी: कोर्ट ने जताई नाराजगी
सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि फिलहाल राज्य के Noise Control Act में इतना सख्त प्रावधान नहीं है कि डीजे और साउंड सिस्टम जैसे उपकरणों के दुरुपयोग को प्रभावी रूप से रोका जा सके। अधिकतर मामलों में केवल 500 से 1000 रुपये का जुर्माना लगाकर मामले को खत्म कर दिया जाता है। ना तो दोषियों से उपकरण जब्त किए जाते हैं और ना ही कोई कठोर कार्रवाई की जाती है।
इस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इस तरह की लचर व्यवस्था से लोगों को शांति और स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर समस्याएं हो रही हैं।
लेजर और बीम लाइट को लेकर भी कोर्ट चिंतित
गौरतलब है कि मामले की पिछली सुनवाई में भी हाईकोर्ट ने डीजे की तेज आवाज के साथ-साथ लेजर और बीम लाइट से होने वाले नुकसान पर चिंता जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि तेज आवाज से दिल के मरीजों को खतरा हो सकता है और लेजर लाइट से लोगों की आंखों पर बुरा असर पड़ सकता है। अदालत ने राज्य सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए थे।