छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: हाईकोर्ट से अनवर ढेबर को बड़ा झटका, गिरफ्तारी को बताया वैध

रायपुर: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में गिरफ्तार अनवर ढेबर को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से करारा झटका मिला है। अदालत ने उनकी वह याचिका खारिज कर दी है, जिसमें उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को अवैध ठहराने, एफआईआर रद्द करने और रिमांड आदेशों को चुनौती दी थी।

कोर्ट ने क्या कहा?

अनवर ढेबर की ओर से दाखिल याचिका में यह दलील दी गई थी कि उन्हें 4 अप्रैल को बिना किसी कानूनी औपचारिकता के हिरासत में लिया गया और अगले दिन यानी 5 अप्रैल दोपहर तक उनकी गिरफ्तारी दर्ज नहीं की गई। उन्होंने इसे संविधान के अनुच्छेद 21 और 22 के उल्लंघन का मामला बताया। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि गिरफ्तार करते समय न तो उनके परिजनों को जानकारी दी गई और न ही केस डायरी या पंचनामा दिखाया गया, जो कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के विपरीत है।

राज्य सरकार का पक्ष

राज्य सरकार की ओर से अदालत में बताया गया कि अनवर ढेबर की दो जमानत याचिकाएं पहले ही खारिज हो चुकी हैं और गिरफ्तारी से लेकर रिमांड तक की प्रक्रिया पूरी तरह से कानून के मुताबिक हुई है। कोई भी संवैधानिक या प्रक्रियागत त्रुटि नहीं हुई है।

हाईकोर्ट का फैसला

मामले के सभी तथ्यों और दस्तावेजों की बारीकी से समीक्षा करने के बाद हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि अनवर ढेबर की गिरफ्तारी और रिमांड आदेशों में कोई कानूनी खामी नहीं है। इस निर्णय के बाद अनवर को राहत मिलने की फिलहाल कोई संभावना नजर नहीं आ रही।

कौन हैं अनवर ढेबर?

अनवर ढेबर रायपुर के पूर्व महापौर का भाई हैं और छत्तीसगढ़ में सामने आए करोड़ों के शराब घोटाले के मुख्य आरोपियों में शामिल हैं। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने उन्हें 4 अप्रैल को हिरासत में लिया था। इस मामले में सरकारी राजस्व की भारी हेराफेरी, राजनीतिक संरक्षण और अधिकारियों की मिलीभगत जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।

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