छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला, अब सरकारी कर्मचारी नहीं कर सकेंगे शेयर ट्रेडिंग

रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना अब मुश्किल हो गया है। राज्य सरकार ने मंगलवार को एक अहम अधिसूचना जारी करते हुए इन्वेस्टमेंट से जुड़ी नई पाबंदियों का ऐलान किया है। इसके तहत अब कोई भी अधिकारी या कर्मचारी शेयर मार्केट में इंट्रा डे, बीटीएसटी, फ्यूचर एंड ऑप्शन या क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग नहीं कर सकेगा। सरकार ने इन सभी गतिविधियों को “अवचार” (कदाचार) की श्रेणी में रखा है।

सरकार के इस आदेश से उन अधिकारियों और कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है, जो नियमित रूप से शेयर ट्रेडिंग और क्रिप्टो मार्केट में सक्रिय थे। सरकार का कहना है कि यह निर्णय छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 में संशोधन के तहत लिया गया है।

अधिसूचना में क्या कहा गया है?

राज्य शासन की ओर से जारी अधिसूचना में साफ तौर पर कहा गया है कि अब कोई भी शासकीय अधिकारी या कर्मचारी ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं हो सकता जो बार-बार शेयरों, प्रतिभूतियों या अन्य निवेश साधनों की खरीद-बिक्री से जुड़ी हो। खासकर इंट्रा डे ट्रेडिंग, बीटीएसटी, फ्यूचर एंड ऑप्शन और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को अब सेवा आचरण नियमों के उल्लंघन की श्रेणी में रखा गया है।

इस अधिसूचना को सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने 1 जुलाई 2025 को सचिव रजत कुमार के नाम से जारी किया है, हालांकि इसमें दिनांक 30 जून 2025 अंकित है।

कहां कर सकते हैं निवेश?

हालांकि सरकार ने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए कुछ निवेश विकल्पों को वैध बताया है। अधिसूचना में कहा गया है कि कर्मचारी और अधिकारी शेयर बाजार में दीर्घकालिक निवेश, म्यूचुअल फंड, और डिबेंचर्स (ऋण पत्र) में निवेश कर सकते हैं। इन विकल्पों को सरकार ने वैध और सुरक्षित निवेश का रूप माना है।

क्यों लिया गया ये फैसला?

सूत्रों के मुताबिक, कई सरकारी कर्मचारी और अधिकारी ड्यूटी के समय शेयर मार्केट में इंट्रा डे या ऑप्शन ट्रेडिंग करते पाए गए थे, जिससे न केवल उनकी कार्यकुशलता प्रभावित हो रही थी बल्कि यह आचरण नियमों के भी खिलाफ था। इसके चलते सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए यह निर्देश जारी किया है।

क्या होगा उल्लंघन पर?

इस अधिसूचना के बाद यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी इन प्रतिबंधित गतिविधियों में लिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सेवा नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। इसे “कदाचार” मानते हुए आगे की प्रक्रिया चलाई जाएगी।

निवेशकों में हलचल

सरकारी नौकरी करने वाले उन लोगों के बीच यह खबर चिंता का कारण बन गई है, जो एक्टिव ट्रेडिंग में शामिल थे। अब उन्हें अपने निवेश के तरीकों पर पुनर्विचार करना होगा और केवल उन्हीं साधनों में निवेश करना होगा जिन्हें सरकार ने अनुमति दी है।

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