“घूस मांगी तो रंगेहाथ पकड़े जाएंगे” – GST भ्रष्टाचार पर ओपी चौधरी का बड़ा ऐलान

रायपुर। छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने राज्य में जीएसटी से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों पर कड़ा रुख अपनाते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि कोई जीएसटी अधिकारी रिश्वत की मांग करता है, तो उन्हें जानकारी मिलते ही संबंधित अधिकारी को एसीबी (Anti-Corruption Bureau) के जरिए रंगेहाथ गिरफ्तार करवाया जाएगा।
वित्त मंत्री चौधरी रविवार को रायपुर के प्रियदर्शनी नगर स्थित कंधकोट भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 123वें एपिसोड को सुनने पहुंचे थे। इस कार्यक्रम में भाजपा नेता, कार्यकर्ता और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक भी मौजूद थे।
छोटे कारोबारियों के साथ न हो अन्याय
वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी में 10, 20 या 30 प्रतिशत की तकनीकी गलतियों पर विभाग आंख मूंद सकता है, लेकिन अगर जानबूझकर 10 से 20 लाख रुपये की कर चोरी की जा रही हो, तो वह किसी भी सूरत में माफ नहीं की जाएगी। उन्होंने चेताया कि फर्जी बिलों के माध्यम से टैक्स चोरी करने वाले व्यापारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
भ्रष्ट अधिकारियों पर सख्त नजर
ओपी चौधरी ने अपने बयान में यह भी कहा कि कोई भी व्यापारी या आम नागरिक जीएसटी अधिकारी द्वारा रिश्वत मांगने की सूचना किसी भी माध्यम से उन्हें दे सकता है। वह उस अधिकारी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करेंगे और एसीबी से उसे पकड़वाएंगे।
सीबीआई ने पकड़े थे दो जीएसटी अधिकारी
प्रदेश में हाल के दिनों में जीएसटी अधिकारियों की मनमानी को लेकर कई शिकायतें सामने आई हैं। ऐसी ही एक गंभीर शिकायत पर सीबीआई ने 31 जनवरी 2025 को केंद्रीय जीएसटी के दो अधिकारियों – अधीक्षक भरत सिंह और विनय राय को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। इन अधिकारियों पर आरोप था कि इन्होंने एक कारोबारी से पैसे की मांग की थी।
कारोबारियों में डर का माहौल
राज्य में जीएसटी के नाम पर छोटे कारोबारियों में भय और भ्रम का माहौल बन गया है। व्यापारी संगठन आरोप लगाते हैं कि छोटी-छोटी तकनीकी भूलों पर भी अधिकारी उन्हें प्रताड़ित करते हैं, और डर दिखाकर समझौते की दिशा में दबाव बनाते हैं।
कई व्यापारी कहते हैं कि वे लंबी कानूनी प्रक्रिया या कोर्ट-कचहरी के झंझट में पड़ने की बजाय लेन-देन कर मामले को खत्म करने में ही भलाई समझते हैं। इसी कमजोरी का फायदा उठाकर कई अधिकारी मनमानी पर उतर आते हैं।
सरकार की मंशा स्पष्ट – पारदर्शिता और ईमानदारी
वित्त मंत्री के सख्त तेवरों से साफ है कि राज्य सरकार अब जीएसटी से जुड़े भ्रष्टाचार को लेकर ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति पर काम कर रही है। चौधरी के इस बयान को व्यापारियों में भरोसा पैदा करने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है कि ईमानदार व्यापारियों को डरने की जरूरत नहीं, लेकिन भ्रष्टाचार करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।