CGPSC SCAM: CBI जांच में खुल रहे नए राज, रिजॉर्ट में सॉल्वर बैठाकर रटवाए गए सवाल-जवाब, पद के मुताबिक तय थे रेट

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) 2022 भर्ती घोटाले की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी CBI की छापेमारी और पूछताछ में हर दिन चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। दो दिन तक रायपुर और महासमुंद में चली कार्रवाई के दौरान 5 ठिकानों को एजेंसी ने अपने घेरे में लिया, जिनमें एक सरकारी डॉक्टर, कोचिंग संस्थान, और निजी होटल के साथ-साथ बार नवापारा अभ्यारण्य का पर्यटक ग्राम भी शामिल है। यहीं से घोटाले की पूरी साजिश रची और अमल में लाई गई।

सॉल्वर बने कोचिंग संचालक, होटल से परीक्षा केंद्र तक पहुंचाई गई 'स्पेशल टीम'

रायपुर, छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) 2022 भर्ती घोटाले की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी CBI की छापेमारी और पूछताछ में हर दिन चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। दो दिन तक रायपुर और महासमुंद में चली कार्रवाई के दौरान 5 ठिकानों को एजेंसी ने अपने घेरे में लिया, जिनमें एक सरकारी डॉक्टर, कोचिंग संस्थान, और निजी होटल के साथ-साथ बार नवापारा अभ्यारण्य का पर्यटक ग्राम भी शामिल है। यहीं से घोटाले की पूरी साजिश रची और अमल में लाई गई।

जंगल के बीच सुलगती साजिश: पर्यटक ग्राम बना ‘घोटाले का हब’

CBI की जांच में सामने आया है कि बलौदाबाजार जिले के बार नवापारा अभ्यारण्य स्थित पर्यटक ग्राम का एक कमरा PSC घोटाले का ‘कमांड सेंटर’ था। 11 से 24 मई 2022 के बीच 35 परीक्षार्थियों को पर्यटक के रूप में ठहराया गया, जिन्हें वहां राज्य सेवा परीक्षा का असली प्रश्नपत्र देकर अभ्यास कराया गया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि इस योजना के पीछे राहुल हरपाल नामक व्यक्ति था, जिसने बुकिंग कराई और परीक्षार्थियों के लिए सारी व्यवस्थाएं कीं।

पद के हिसाब से लगती थी कीमत, डिप्टी कलेक्टर बनने का रेट 1 करोड़

CBI सूत्रों के मुताबिक घोटाले में चयन पदों के अनुसार रेट तय किए गए थे।

  • डिप्टी कलेक्टर: ₹1 करोड़

  • तहसीलदार, डीएसपी, और अन्य पदों के लिए अलग-अलग रेट तय थे।
    यह रैकेट एक सुनियोजित गिरोह की तरह काम कर रहा था, जिसमें पर्चा लीक करने से लेकर, सॉल्वर के जरिए तैयारी करवाने और परीक्षा दिलाने तक की पूरी व्यवस्था की गई थी।

सॉल्वर बने कोचिंग संचालक, होटल से परीक्षा केंद्र तक पहुंचाई गई ‘स्पेशल टीम’

CBI की छापेमारी में रायपुर के सक्सेस एकेडमी के संचालक धर्मेंद्र साहू और परितोष जायसवाल की अहम भूमिका सामने आई है। दोनों सॉल्वर की भूमिका में थे, जो पर्यटक ग्राम में परीक्षार्थियों को प्रश्न हल कराते और रटवाते थे। इसी टीम में डॉ विकास चंद्राकर और उत्कर्ष चंद्राकर का नाम भी सामने आया है, जिन्होंने कथित तौर पर PSC मेंस का पर्चा लीक कर सॉल्वर को सौंपा।

होटल बना कंट्रोल रूम, CBI के पास है पूरी लिस्ट

CBI को वन विभाग के अधिकारी सुनील खोबरागड़े द्वारा उन सभी 35 परीक्षार्थियों की सूची सौंपी गई है, जो बार नवापारा के पर्यटक ग्राम में परीक्षा से पहले रुके थे। इसके अलावा रायपुर के फूल चौक स्थित एक निजी होटल में भी अभ्यर्थियों को ठहराया गया, जहां से उन्हें परीक्षा केंद्र तक पहुंचाया जाता था।

आगे और गिरफ्तारियां संभव

अब तक इस घोटाले में पूर्व PSC चेयरमैन टी.एस. सोनवानी सहित करीब 18 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। जांच में मिले डिजिटल और दस्तावेजी सबूतों के आधार पर CBI जल्द ही 2 और बड़ी गिरफ्तारियों की तैयारी में है।

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