छत्तीसगढ़ के निजी स्कूल रहें सावधान! ‘इन छात्रों’ को दिया दाखिला, तो रद्द होगी मान्यता

रायपुर। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) ने प्रदेश के निजी एवं सरकारी स्कूलों में 10वीं और 12वीं कक्षाओं में प्रवेश को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं। मंडल ने स्पष्ट कहा है कि यदि किसी स्कूल ने प्रवेश नीति के विरुद्ध या अपात्र विद्यार्थियों को प्रवेश दिया, तो ऐसे छात्रों का दाखिला तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया जाएगा। इसके साथ ही संबंधित निजी स्कूलों की मान्यता समाप्त करने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। सरकारी स्कूलों में अगर नियमों का उल्लंघन हुआ, तो वहां के प्राचार्यों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

माशिमं की ओर से कहा गया है कि नए शिक्षा सत्र के लिए प्रवेश प्रक्रिया चल रही है और ऐसे में विशेष रूप से 10वीं और 12वीं में सावधानी बरतना बेहद जरूरी है क्योंकि इन कक्षाओं में बोर्ड परीक्षा होती है। मंडल ने सभी स्कूल प्रमुखों को चेतावनी दी है कि प्रवेश संबंधी जिम्मेदारी पूरी तरह संस्था प्रमुख की होगी।

गाइडलाइन के मुताबिक ही होगा 9वीं से 12वीं में एडमिशन
माशिमं ने 9वीं से लेकर 12वीं तक के लिए प्रवेश नीति तय की है, जिसके अनुसार ही एडमिशन दिया जाना अनिवार्य है। यदि कोई संस्था नियमों को दरकिनार करके अपात्र छात्रों को प्रवेश देती है, तो न केवल उस छात्र का नामांकन रद्द किया जाएगा बल्कि संबंधित संस्था के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

मंडल कार्यालय नहीं भेजे जाएंगे छात्र या पालक
माशिमं ने यह भी स्पष्ट किया है कि स्कूलों को किसी भी स्थिति में छात्र या पालकों को प्रवेश की अनुमति के लिए मंडल कार्यालय नहीं भेजना चाहिए। सभी प्रकार की प्रवेश प्रक्रिया स्कूल स्तर पर ही पूरी की जाए। केवल स्थानांतरण (Transfer) से संबंधित मामलों को छोड़कर, अन्य सभी स्थितियों में स्कूलों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त प्रवेश की छूट दी गई है।

उदाहरणस्वरूप, यदि किसी स्कूल में 9वीं कक्षा में 30 छात्र उत्तीर्ण हुए, 10वीं में 15 छात्र अनुत्तीर्ण हैं और श्रेणी सुधार के 5 छात्र हैं, तो कुल 50 छात्रों के आधार पर अधिकतम 10 प्रतिशत यानी 5 अतिरिक्त छात्रों को बिना मंडल की अनुमति के प्रवेश दिया जा सकता है। इससे अधिक प्रवेश देने के लिए अनुमति लेना अनिवार्य होगा।

10 प्रतिशत से अधिक एडमिशन के लिए आवश्यक होंगी अतिरिक्त व्यवस्थाएं
यदि किसी स्कूल को 10 प्रतिशत से अधिक छात्रों को प्रवेश देना है, तो उसे पहले से भवन विस्तार, शिक्षक, स्टाफ, फर्नीचर और अन्य संसाधनों की पर्याप्त व्यवस्था करनी होगी। साथ ही स्कूल भवन का नक्शा और उसकी फोटो अनुविभागीय अधिकारी से सत्यापित कराकर मंडल कार्यालय में प्रस्तुत करनी होगी। ऐसी स्थिति में मंडल टीम द्वारा मौके पर जांच की जाएगी और फिर ही कोई निर्णय लिया जाएगा।

नियम तोड़े, तो होगी कार्रवाई
माशिमं ने साफ कहा है कि किसी भी प्रकार की अनियमितता या नियमों के विरुद्ध प्रवेश देने पर संबंधित स्कूल या प्राचार्य के खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस सख्ती का मकसद शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करना है ताकि योग्य और पात्र छात्रों को ही बोर्ड परीक्षा में शामिल होने का अवसर मिल सके।

इस नई गाइडलाइन के बाद सभी स्कूलों को सतर्क रहना होगा और नियमों का पालन करते हुए ही प्रवेश देना होगा। कहीं भी लापरवाही या नियम उल्लंघन हुआ तो उसका खामियाजा स्कूल प्रशासन को भुगतना पड़ेगा।

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