Bihar Elections 2025: फर्जी वोटर हटाने के अभियान पर तेजस्वी और प्रशांत किशोर एक सुर में, जानिए क्या बोले दोनों नेता

Bihar Elections 2025

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Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले प्रदेश की सियासत एक बार फिर गर्मा गई है। इस बार मुद्दा है मतदाता सूची सत्यापन को लेकर चुनाव आयोग की ओर से चलाए जा रहे अभियान का, जिसमें फर्जी वोटरों के नाम हटाने की प्रक्रिया की जा रही है। इस कार्रवाई पर राजनीतिक दलों ने कड़ा ऐतराज जताया है, खासकर राजद, कांग्रेस और जन सुराज पार्टी ने इसे गरीब और अल्पसंख्यक विरोधी कदम बताया है।

चुनाव आयोग पर तेजस्वी यादव का आरोप

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को महागठबंधन के नेताओं के साथ राज्य निर्वाचन आयोग पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने चुनाव आयोग पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा,

“मतदाता सूची पुनरीक्षण की आड़ में गरीबों और अल्पसंख्यकों के नाम जानबूझकर हटाए जा रहे हैं। चुनाव आयोग भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रहा है।”

तेजस्वी ने दावा किया कि जिन इलाकों में दलित और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक है, वहां खासतौर पर निशाना साधा जा रहा है। उनके अनुसार यह पूरा अभियान एक सुनियोजित रणनीति का हिस्सा है, जिससे एक खास वर्ग को मतदान से वंचित किया जा सके।

प्रशांत किशोर ने भी उठाए सवाल

इस मुद्दे पर जन सुराज पार्टी के संयोजक प्रशांत किशोर (PK) ने भी चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि,

“बिहार का एक बड़ा तबका ऐसा है जो दिवाली और छठ जैसे पर्वों पर बाहर से अपने गांव आता है। अगर आयोग दस्तावेजों की मांग ऐसे समय कर रहा है जब लोग अपने गांव में नहीं होते, तो फिर ये लाखों लोग वोटिंग से वंचित रह जाएंगे। यह चिंता का विषय है।”

प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी की कार्यकारिणी बैठक बुलाने की घोषणा करते हुए कहा कि वे इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा करेंगे और आयोग के सामने अपनी बात रखेंगे।

AIMIM को लेकर भी हुई चर्चा

वहीं इस राजनीतिक बहस के बीच एक और मुद्दा सामने आया है। AIMIM के बिहार अध्यक्ष ने राजद प्रमुख लालू यादव को पत्र लिखकर पार्टी को महागठबंधन में शामिल करने की अपील की है। इस पर प्रशांत किशोर ने चुटकी लेते हुए कहा,

“असदुद्दीन ओवैसी किस तरह की राजनीति करते हैं, ये पूरा देश जानता है। वो कहां और कैसे चुनाव लड़ते हैं, ये सबको पता है। अगर INDIA गठबंधन उन्हें साथ लेना चाहता है, तो ये उस गठबंधन का मामला है। हमारे लिए बिहार में AIMIM का कोई खास असर नहीं है।”

क्या है चुनाव आयोग की कार्रवाई?

गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने पूरे राज्य में फर्जी मतदाताओं को सूची से हटाने का अभियान चलाया है। इसके तहत दस्तावेज सत्यापन और मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया तेज की गई है। आयोग का कहना है कि वह सिर्फ वोटर लिस्ट को शुद्ध कर रहा है, लेकिन विपक्ष इसे राजनीतिक हथियार बता रहा है।

बिहार में चुनावी सियासत अपने चरम पर पहुंचती दिख रही है। एक तरफ विपक्षी दल इसे गरीब और अल्पसंख्यकों के खिलाफ साजिश बता रहे हैं, तो वहीं जन सुराज पार्टी जैसी गैर-पारंपरिक ताकतें भी अब इस बहस में उतर आई हैं। तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर का एक सुर में बोलना दर्शाता है कि 2025 का चुनाव सिर्फ विकास और वादों का नहीं, बल्कि पहचान और वोटर अधिकारों की लड़ाई भी बनने वाला है।

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