Bhupesh Baghel ED Raid: बेटे के जन्मदिन पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल के घर ED की दबिश, सियासी हलचल तेज

Bhupesh Baghel ED Raid
Bhupesh Baghel ED Raid: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के लिए उनका बेटे चैतन्य बघेल का जन्मदिन इस बार बेहद तनावपूर्ण माहौल में शुरू हुआ। शुक्रवार तड़के प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने भूपेश बघेल के पदुमनगर स्थित आवास पर छापेमारी की। यह कार्रवाई सुबह लगभग 5 बजे शुरू हुई, जब छह गाड़ियों में सवार ईडी अधिकारी सीआरपीएफ जवानों के साथ उनके निवास पर पहुंचे।
इस छापेमारी ने एक बार फिर राज्य की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है, खासकर इसलिए क्योंकि यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब विधानसभा का मानसून सत्र अपने अंतिम दिन में प्रवेश कर रहा है। भूपेश बघेल ने इस कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे एक राजनीतिक साज़िश बताया।
बघेल का ट्वीट और अदानी का मुद्दा
पूर्व मुख्यमंत्री ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर सुबह एक पोस्ट करते हुए लिखा,
“आज विधानसभा में मैं अदानी से जुड़े मुद्दे पर सवाल उठाने वाला था। इससे पहले ही मेरे घर पर ईडी भेज दी गई।”
बघेल ने सीधे तौर पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए इसे मुद्दों से ध्यान भटकाने और विरोधियों को दबाने की कोशिश बताया है।
ED आ गई.
आज विधानसभा सत्र का अंतिम दिन है.
अडानी के लिए तमनार में काटे जा रहे पेड़ों का मुद्दा आज उठना था.
भिलाई निवास में “साहेब” ने ED भेज दी है.
(कार्यालय- भूपेश बघेल)
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) July 18, 2025
बेटे के जन्मदिन पर ईडी की दबिश
सियासी हलचल इसलिए भी तेज हो गई है क्योंकि ईडी की यह छापेमारी भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के जन्मदिन के दिन की गई है। समर्थकों का कहना है कि यह “जन्मदिन पर दी गई अघोषित चेतावनी” है। इस घटनाक्रम ने पार्टी कार्यकर्ताओं और कांग्रेस नेताओं में रोष भी बढ़ा दिया है।
पहले भी हो चुकी है छापेमारी
गौरतलब है कि इससे पहले भी 10 मार्च को ईडी ने भूपेश बघेल के भिलाई स्थित इसी निवास पर शराब घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों में छापेमारी की थी। उस समय यह कार्रवाई चैतन्य बघेल के खिलाफ की गई थी, जिसमें उनके करीबी माने जाने वाले लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल समेत 13 ठिकानों पर एक साथ दबिश दी गई थी।
राजनीतिक संकेत या जांच का हिस्सा?
विधानसभा सत्र के आखिरी दिन इस तरह की कार्रवाई को लेकर राजनीतिक विश्लेषक इसे केवल जांच नहीं, बल्कि राजनीतिक दबाव और संदेश के रूप में देख रहे हैं। कांग्रेस इसे विपक्ष की आवाज़ को दबाने की कोशिश बता रही है, जबकि बीजेपी की ओर से अब तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
ईडी की टीम अब तक इस छापेमारी से जुड़ी कोई आधिकारिक जानकारी सार्वजनिक नहीं कर पाई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग और शराब घोटाले की जांच से जुड़ी है। आने वाले घंटों और दिनों में छापेमारी को लेकर और भी खुलासे हो सकते हैं।
इस बीच, भूपेश बघेल समर्थकों ने सोशल मीडिया पर “#EDRaid” और “#PoliticalVendetta” जैसे हैशटैग के साथ केंद्र सरकार की आलोचना शुरू कर दी है, जिससे साफ है कि यह मामला अब सिर्फ जांच का नहीं, बल्कि राजनीतिक बहस का मुद्दा बन चुका है।