पार्टी में अनुशासन पर फूटा भूपेश बघेल का गुस्सा! बोले- जो अनुशासनहीनता करता है, प्रदेश अध्यक्ष उसके घर चाय पीने जाते हैं

रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस संगठन में बढ़ती अनुशासनहीनता को लेकर एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का गुस्सा फूट पड़ा। राजधानी स्थित राजीव भवन में हुई कांग्रेस की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक में उन्होंने संगठन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए सख्त लहजे में नाराजगी जाहिर की। इस बैठक में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी महासचिव सचिन पायलट की भी मौजूदगी रही।
बैठक के दौरान जब संगठन के नेता धरना-प्रदर्शन और अन्य राजनीतिक गतिविधियों की रिपोर्ट पेश कर रहे थे, तब भूपेश बघेल और अन्य वरिष्ठ नेता चुपचाप सुनते रहे। लेकिन जैसे ही भूपेश बघेल को अपनी बात रखने के लिए आमंत्रित किया गया, उन्होंने दो टूक अंदाज में संगठन पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस में अब अनुशासनहीनता को बढ़ावा मिल रहा है और पार्टी इसका सिर्फ मूकदर्शक बनी हुई है।
“अनुशासनहीनता बढ़ रही, कार्रवाई शून्य”
भूपेश बघेल ने बैठक में खुलकर आरोप लगाया कि जो लोग पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी करते हैं, सार्वजनिक मंचों से पार्टी नेतृत्व की आलोचना करते हैं, उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने राजनांदगांव के एक पदाधिकारी का उदाहरण देते हुए कहा कि उस व्यक्ति ने उनके खिलाफ बयान दिए लेकिन न तो संगठन ने कोई कार्रवाई की और न ही आपत्ति जताई। उल्टा प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज उसके घर चाय पीने चले गए।
“अनुशासन समिति का क्या काम, जब केस ही नहीं भेजे जाते?”
सचिन पायलट ने भी पूर्व मुख्यमंत्री की बातों से सहमति जताते हुए कहा कि अनुशासनहीनता पर संगठन को सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने बैठक में तत्काल अनुशासन समिति बनाने का निर्देश भी दे दिया। इस पर नेताओं ने जानकारी दी कि पहले से ही अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के निर्देश पर धनेन्द्र साहू की अध्यक्षता में अनुशासन समिति गठित है, लेकिन प्रदेश कांग्रेस समिति (PCC) ने अब तक इस समिति को एक भी मामला नहीं भेजा। ऐसे में समिति कैसे काम करे?
धनेन्द्र साहू ने खुद बैठक में कहा कि उन्हें इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया है, लेकिन जब तक उन्हें संगठन से कोई मामला ही नहीं भेजा जाएगा, तब तक वे कार्रवाई कैसे कर सकते हैं।
“मुख्यमंत्री पर हमला करने से डर क्यों?”
बैठक में भूपेश बघेल ने एक और अहम सवाल उठाया – विपक्ष में बैठी कांग्रेस आखिर मुख्यमंत्री पर सीधा हमला क्यों नहीं करती? उन्होंने नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत की ओर इशारा करते हुए कहा कि “आप जैसे वरिष्ठ नेता सीएम पर निशाना क्यों नहीं साधते? जब मैं प्रदेश अध्यक्ष बना था तो सीधे रमन सिंह को घेरा था। सीएम ही सबसे बड़ी जिम्मेदारी वाले होते हैं, भ्रष्टाचार और अराजकता के लिए उन्हें ही कटघरे में खड़ा करना चाहिए।”
भूपेश ने यह भी कहा कि भाजपा नेता तो राहुल गांधी पर दिन-रात हमला करते हैं, लेकिन कांग्रेस की ओर से उसका कोई जवाब तक नहीं दिया जाता। “किस बात का डर है?” उन्होंने सवाल किया।
सचिन पायलट ने दिए सख्त संकेत
पूर्व मुख्यमंत्री की खरी-खरी सुनने के बाद प्रभारी महासचिव सचिन पायलट ने भी संगठन को सतर्क करते हुए कहा कि “यह गंभीर विषय है, इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। अनुशासन समिति को सक्रिय किया जाए और ऐसे मामलों में तत्काल निर्णय लिया जाए।”
सूत्रों के अनुसार, अब कांग्रेस के भीतर अनुशासन और नेतृत्व पर एक नई बहस शुरू हो गई है। बैठक के बाद पार्टी में कई नेताओं के चेहरों पर खामोशी साफ देखी जा रही थी।